गणेश उत्सव कल : ऐसे विराजें गणपति को अपने घर, अधिक मिलेगा लाभ : डॉ शिल्पा जैन

 


गणेश उत्सव का देश भर में बहुत ही उत्साह रहता है। गणेश जी को गजानन, एकदंत ,लंबोदर, विघ्नहर्ता कई नामों से पुकारा जाता है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले हम श्री गणेश जी की वंदना करते हैं उन्हें याद करते हैं उनकी पूजा करते हैं ।सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय गणेश जी होते हैं। संकट हरण इन्हें कहा जाता है। शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी का आह्वान किया जाता है। गणेश चतुर्थी गणेश जी के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। 10 दिन तक गणेश जी की पूजा की अवधि होती है कुछ लोग 5 दिन 7 दिन एवं 10 दिन तक गणेश जी की स्थापना अपने घर पर करते हैं । भाद्र भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। गणेश जी का जन्म स्वाति नक्षत्र एवं सिंह लग्न में हुआ था।

कब और ऐसे करें स्वागत 

 गणेश जी की पूजा चतुर्थी वाले दिन मध्यान्ह काल में करना श्रेयस्कर माना गया है । सर्वप्रथम चतुर्थी वाले दिन गणेश जी को ढोल बाजे के साथ गणेश जी की प्रतिमा घर में लाएं सथापित करने से पहले उस जगह को गंगाजल से पवित्र करें ,वहां स्वास्तिक बनाएं ,4 हल्दी की गांठ रखें एक मुट्ठी अक्षत रखें फिर चौकी लगाकर उस पर लाल या पीला कपड़ा लगाएं। उसके पश्चात गणेश जी की स्थापना करें । कलश बाएं हाथ और दीपक दाएं हाथ में स्थापित करें। गणेश जी को सिंदूर और दूर्वा चढ़ाए ,साय काल आरती पूजा अवश्य करें। शास्त्रों के अनुसार 10 दिन के लिए गणेश जी की पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन ना करें किंतु चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य दें। नजर नीचे करके चंद्रमा को अरघ अवश्य देना चाहिए होता है। नीला और काला कपड़ा ना धारण करें एवं गणेश जी को तुलसी जी के पत्ते ना अर्पित करें। गणेश जी को जहां आप स्थापित करते हैं उस जगह अंधेरा नहीं रहना चाहिए। नई मूर्ति की स्थापना करें एवं पुरानी मूर्ति को वहां हटा दें।  6 सितंबर 2024 शुक्रवार से गणेश जी का उत्सव प्रारंभ हो रहा  है एवं अनंत चतुर्दशी के दिन उत्सव का समापन होगा। पूजा करते वक्त यह विशेष ध्यान रखें कि दुर्वा गणेश जी के सिर पर या सूड पर ही अर्पित करें । चरणों पर दुर्वा नहीं अर्पित करनी चाहिए. 11 या 21 दुर्गा चढ़ाएं और दूर्वा चढ़ाते वक्त मंत्र अवश्य बोले। कहा जाता है गणेश जी की पीठ की दर्शन करना शुभ होता है अतः आप जहां खड़े हैं वही खड़े-खड़े परिक्रमा करे।घर में सफेद रंग वाले गणेश जी की स्थापना करने से घर में सुख शांति समृद्धि होती है । 

पूजा घर में सिर्फ एक ही गणेश जी की प्रतिमा रखें अगर प्रतिमा नहीं लाना चाहते हैं आप तो सुपारी में मौली बांधकर गणेश जी की मनसा  पूजा कर सकते हैं। गणेश जी की पूजा के साथ गणेश जी के परिवार को भी स्थापित करना चाहिए उनकी पत्नियां रिद्धि सिद्धि एवं दो पुत्र शुभ लाभ की भी पूजा करना शुभ होता है। साथ में मूषक की भी पूजा करनी चाहिए। गणपति परिवार की पूजा अवश्य करें लाल सिंदूर लाल चंदन लाल पुष्प अर्पित करें मोदक अवश्य चढ़ाएं। शमी वृक्ष के पत्ते अवश्य अर्पित करें ।जिनकी शिक्षा में अवरोध उत्पन्न हो रहा है वह नृत्य की मुद्रा में गणेश जी की प्रतिमा की पूजा करें, घर में सुख शांति के लिए शब्द सफेद गणेश जी की प्रतिमा की पूजा करें, कार्यस्थल में अगर परेशानी की उत्पन्न हो रही है तो खड़े हुए गणेश जी की प्रतिमा की पूजा करें, पूजा करने के पश्चात मोदक गरीब लोगों को अवश्य वितरित करें अगर गणेश चतुर्थी के अवसर पर अगर कहीं से आपको हाथी दिख जाए तो उसके पैर के नीचे की मिट्टी लाकर घर में रखें जो की बहुत ही शुभ माना जाता है । अपने मुख्य द्वार पर 11 उगल से ज्यादा बड़ी प्रतिमा गणेश जी की स्थापित नहीं करनी चाहिए और उसके ठीक पीछे भी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। गणेश जी विघ्नहर्ता है घर में सुख शांति लाने के इनकी पूजा  श्रद्धा पूर्ण करें ।

आप सभी के जीवन में भगवान गणेश की कृपा बरसती रहे आपके जीवन में सभी विघ्न दूर हो और जीवन शांति में और तरक्की की ओर अग्रसर हो स्वास्थ्य उत्तम रहे यही मेरी अंतर ह्रदय से कामना है। 


                                                                                                    - एस्ट्रोलॉजर शिल्पा जैन की कलम से

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