तुझको समर्पित सुमन
शत बार तुझको नमन
ओ हिंदी माँ .....
तेरा आंचल कि खिलता कमल
मणियाँ मुक्ताएं बिखरीं धवल
शंख गुंजित बजे घंटियांँ
बंद पलकों में सपने सजल
बहता सुवासित पवन
संपन्न कोई हवन ।
ओ हिंदी माँ .....
तेरे अधरों की सम्पुट कली
द्दग की बेजोड़ द्दश्यावली
जैसे छिटकी नवल रश्मियाँ
पंक्तियांबद्ध विहगावली
भरते कुलांचें हिरण
झिलमिल सुहानी किरण ।
ओ हदी माँ ...
तेरी कृपा की है कामना
मन में सेवा की है भावना
जुगनुओं सा हो पुलकित हृदय
विश्व भाषा की संभावना
होता रहे उन्नयन
हो शुद्ध पर्यावरण। ओ हिंदी माँ....
अपने चरणों में दे दे शरण
मन से ईर्ष्या का करले हरण
भावनाओं से भर दे तू उर
अर्चनाओं का करदे वरण
हो सुंदरम आचरण
सत्यम शिवम अवतरण।
ओ हिंदी माँ...ओ हिंदी माँ।
*****
- डॉ. राजेंद्र मिलन
9808600607
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