हिंदी दिवस : हिंदी-स्तुति - कवि डॉ राजेन्द्र मिलन

तुझको समर्पित सुमन

 शत बार तुझको नमन 

ओ हिंदी माँ .....


 तेरा आंचल कि खिलता कमल

 मणियाँ मुक्ताएं बिखरीं धवल 

शंख गुंजित  बजे घंटियांँ

बंद पलकों में सपने सजल

 बहता सुवासित पवन 

संपन्न  कोई  हवन ।     

 ओ हिंदी माँ .....


 तेरे अधरों की सम्पुट कली 

द्दग की बेजोड़ द्दश्यावली 

जैसे छिटकी नवल रश्मियाँ

  पंक्तियांबद्ध  विहगावली   

 भरते  कुलांचें   हिरण 

झिलमिल सुहानी किरण ।

 ओ हदी माँ ...


तेरी कृपा की  है कामना 

मन में सेवा की है भावना 

जुगनुओं सा हो पुलकित हृदय

 विश्व भाषा की संभावना

होता रहे उन्नयन

हो शुद्ध पर्यावरण।  ओ हिंदी माँ....


अपने चरणों में दे दे शरण 

मन से ईर्ष्या का करले हरण

 भावनाओं से भर दे तू उर

 अर्चनाओं का करदे वरण

 हो  सुंदरम  आचरण

सत्यम शिवम अवतरण।

ओ हिंदी माँ...ओ हिंदी माँ।

        ***** 

- डॉ. राजेंद्र मिलन

      9808600607



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