आगरा। गढ़ी ईश्वरा, दिगनेर, शमशाबाद रोड स्थित बाबा श्रीमनकामेश्वर रामलीला महोत्सव में शनिवार को भक्तिरस और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला। मंचन में श्रीराम-सीता विवाह प्रसंग का ऐसा जीवंत चित्रण हुआ कि पूरा वातावरण “जय सिया राम” के उद्घोष से गूंज उठा।
मंचन का शुभारंभ मंगलाचरण और चौपाइयों से हुआ। जनकपुरी का अलौकिक श्रृंगार, पुष्पों से सुसज्जित मण्डप, श्री राम बारात का आगमन, सीता जी की सुंदरता और वर रूप में श्री नारायण की दिव्यता आदि सभी दृश्यों ने उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। जब श्रीराम और सीता जी ने विवाह (तुलसी सालिगराम)के पवित्र फेरे लिए, तो दर्शक भक्ति रस में सराबोर हो उठे।
इस अवसर पर श्री महंत योगेश पुरी और मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने राम-सीता की आरती उतारी। भक्तजन “सियाराममय सब जग जानी” की भक्ति में लीन हो गए।
श्री महंत योगेश पुरी ने विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि राम-सीता विवाह केवल धार्मिक प्रसंग नहीं, बल्कि मर्यादा, आदर्श और पवित्र दांपत्य जीवन का प्रतीक है। यह समाज को धर्म और संस्कृति की मजबूत नींव देता है।
मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने बताया कि रामलीला महोत्सव का प्रत्येक प्रसंग हमें सत्य, धर्म और आदर्श जीवन की सीख देता है। विवाह प्रसंग से यह संदेश मिलता है कि जीवन में मर्यादा और भक्ति का पालन ही सच्चे सुख और शांति का मार्ग है। उन्होंने ने बताया कि रविवार को वनवास लीला और केवट प्रसंग का भव्य मंचन किया जाएगा।
इस अवसर पर छुट्टन चौहान, प्रेमवीर पचौरी, तूफ़ान, महेन्द्र गुप्ता, चेतन भागवत, पप्पू टिर्री, राजवीर जादौन, रिषी परिहार आदि उपस्थित रहे।

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