युवाओं में अधिक स्ट्रेस से बढ़ रही हाइपरटेंशन की समस्या, जीवन शैली में बदलाव और व्यायाम करने से मिलेगा लाभ... के साथ कई नवीन पद्धतियों पर दूसरे दिन हुई चर्चा

 


  • अधिक नमक के सेवन से ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में हो रहा इजाफा।
  • व्यस्ततम जीवन शैली और व्यायाम न करने से ब्लड प्रेशर का बिगड़ रहा संतुलन 
  • आरएसएसएचआई द्वारा आयोजित कांफ्रेंस के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने आधुनिक उपचार, दवाई और तकनीकियों से कराया अवगत।


आगरा। ब्लड प्रेशर के असंतुलित होने के कारण विभिन्न प्रकार के घातक रोग और परेशानियां उत्पन्न होती हैं, जिस वजह से ब्लड प्रेशर को घातक रोगों की जननी कहा जाता है। वहीं दूसरी और स्ट्रेस (मानसिक तनाव) बढ़ा रहा हाइपरटेंशन के मरीज। खाने में अधिक नमक के सेवन से ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में निरंतर हो रहा इजाफा। आधुनिक जीवन में व्यस्ततम जीवन शैली और व्यायाम नहीं कर पाने, नींद के नहीं पूरे होने से ब्लड प्रेशर का बिगड़ रहा संतुलन। हाईपरटेंशन पर आरएसएसएचआई द्वारा आयोजित कांफ्रेंस में मुंबई, दिल्ली, ग्वालियर व अन्य शहरों से आए विशेषज्ञों ने ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने के लिए आधुनिक उपचार, दवाई और तकनीकियों से कराया अवगत। हाईपरटेंशन से पैदा होने वाली घातक बीमारियों के निराकरण के लिए ताजनगरी में फतेहाबाद रोड स्थित होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में पहली बार रिसर्च सोसायटी फॉर द स्टडी आफ हाइपरटेंशन इन इंडिया के तत्वावधान में तीन दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया है। कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन मुंबई दिल्ली ग्वालियर मुरादाबाद सहित देश के कई अन्य बड़े शहरों से आए विशेषज्ञों ने सुबह से प्रारंभ हुए अपने विशेष सत्रों में हाइपरटेंशन ब्लड प्रेशर के आधुनिक उपचार, दवाई और तकनीकियों पर चर्चा की। मुंबई से आए डॉ. आनंद राम ने क्रोनॉथैरेपी इन हाईपरटेंशन विषय पर और एसएन मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन प्रोफेसर  डॉक्टर प्रभात अग्रवाल ने हाइपरटेंशन इन डायबिटिक्स विषय पर विचार रखे। विशेषज्ञों का कहना था कि हाइपरटेंशन ब्लड प्रेशर विभिन्न प्रकार के घातक रोगों की जननी है। ब्लड प्रेशर असंतुलित होने के कारण ब्रेन स्ट्रोक, किडनी, गुर्दा रेटिना और फेफड़े संबंधित रोग और परेशानियां निरंतर मरीजों में बढ़ रही हैं। उन्होंने उपचार की भी जानकारी दी। रिसर्च सोसायटी फॉर द स्टडी आफ हाइपरटेंशन इन इंडिया के चेयरमैन डॉ. सीआर रावत और सचिव डॉक्टर रजत रावत के अनुसार कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें ईसीजी हाईपरटेंशन विषय पर डॉ. वरून शर्मा, प्री ओपरेटिव ट्रीटमेंट ऑफ एचटी इन पीटी अंडरगोइंग नॉनकार्डियक सर्जरी पर डॉ. सुशांत धवन, हाईपरटेंशन रेटिनोग्राफी पर डॉ. रिधिमा रावत ने विचार रखे। दूसरे सैशन में डियेरैटिक्स फॉर द मोर्डन मैंनेजमेंट आफ एचटीएन : बियोंड एचसीटीजेड विषय पर डॉ. केके विश्वानी, रोल ऑफ सीसीबी इन मोर्डन मैनेजमेंट ऑफ एचटीएन ? बियोड क्लीनिपाइन विषय पर डॉ. अश्वनी खन्ना, डिफेंस ऑफ बीटा ब्लॉकरर्स ए क्रिटिकल रोल इन प्राईमरी हाईपरटेंशन मैनेजमेंट विषय पर डॉ. प्रकाश पुरसानी ने अपने विचार रखे। तीसरे सैशन में इनहिबिटशन ऑफ एनजीओटेंशन इन द ट्रटीमेंट ऑफ हाईपरटेंशन पर डॉ. मुदित खुराना, इनहिबिशन कॉम्बाइन द रैपी फॉर हाईपरटेंशन : बैक्ग्राउडं एंड रेटेशनल विषय पर डॉ. रजनीश सिंह, चौथे सैशन में रैसिसटेंशन हाईपरटेंशन : की कैंसैप्ट विषय पर डॉ. चंदन सिंह, मैनेजमेंट ऑफ हाईपरटेंशन इन सीवीए : बेसिस फंडामेंटल एंड ड्रग चौइस पर डॉ. सर्वेश अग्रवाल ने अपने विचार रखे। इस दौरान डॉ. सुनील बंसल, डॉ. शरद पालीवाल, डॉ. राहुल निझारा, डॉ करन रावत, डॉ. विनीत गर्ग, डॉ.प्रवेग गोयल, डॉ. अनुश्री रावत, डॉ.राहुल वर्मा, डॉ. राहुल गर्ग, डॉ अभिनव पंडित, डॉ. दीपक बंसल  मौजूद रहे।

अन्य सत्रों में विशेषज्ञों ने रखे विचार

कॉन्फ्रेंस के पाचंवे सैशन में हाईपरटेंशन क्राइसस क्लीनिकल डागनॉसिस एंड मैनेजमेंट पर डॉ. पायल सक्सैना, टारगेट आर्गेन डैमेज इन हाईपरटेंसिव पर डॉ. मृदुल चतेर्वेदी एवं द हाईपरटेंसिव चाइल्ड पर डॉ. समरिद्दी गुप्ता ने विचार रखे। छठवे सैशन में एडरनेल डिस्आर्ड्रर ऑफ हाईपरटेंशन पर डॉ. उमेश गर्ग, फीक्रोमोटिकका : मिथ्स एंड मैनेजमेंट पर डॉ. शुभम जैन एवं स्ट्रैस एंड हाईपरटेंशन विषय पर डॉ. दृष्टि ने अपने विचार रखे। सातंवे सैशन में  हैडएक एंड हाईपरटेंशन  पर डॉ. रॉबिन अग्रवाल, हाईपरटेंशन इन डाइबिटिकक्स पर डॉ. प्रभात अग्रवाल, मैनेजमेंट ऑफ हाईपरटेंशन इन सीकेडी पर डॉ. वर्तुल गुप्ता, हाईपरटेंशन मैनेजमेट डयूरिगं डाइलसिस पर डॉ. रजत मगंल एवं ऑबस्टैक्टिव स्लीप एपीएनईए एंड हाईपरटेंशन पर डॉ. सौरभ सोनी और नौवे एवं दसवे सैशन में डॉ. कैरवि भारद्वाज, डॉ. सुभाष चन्द्रा, डॉ. रजत भारद्वाज, डॉ अमोल सिरोमनी, डॉ. अल्का सैन एवं डॉ. शिवानी चतुर्वेदी ने अलग अलग विषयों पर अपने विचारों को साझा किया।

विभिन्न सत्रों के साथ आज होगा समापन 

सचिव डॉक्टर रजत रावत के अनुसार कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन 21 सितंबर को पहले विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे। इसके बाद समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा।

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