दृढ़ इच्छाशक्ति और सृजनशीलता ने सभी को किया आश्चर्यचकित, वंश उपाध्याय को मिला चित्रकला नवांकुर सम्मान 2025


- मथुरा में चमका आगरा का सितारा, वंश उपाध्याय को मिला चित्रकला नवांकुर सम्मान


आगरा। तुलसी साहित्य-संस्कृति अकादमी न्यास द्वारा अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज, मथुरा में आयोजित हिंदी महोत्सव के अवसर पर आगरा के वंश उपाध्याय को उनकी अद्भुत चित्रकला प्रतिभा के लिए “चित्रकला नवांकुर सम्मान – 2025” से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ.राजेन्द्र मिलन ने हिंदी को राष्ट्रभाषा उदघोषित न करने पर क्षोभ व्यक्त किया तथा आशा जताई कि हिंदी यथाशीघ्र विश्व भाषा बनने जा रही है।

विशेष बात यह रही कि वंश उपाध्याय 70% दिव्यांग हैं, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और सृजनशीलता ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कला के क्षेत्र में उन्होंने जो हुनर दिखाया, उसने कार्यक्रम में मौजूद सभी विद्वानों और अतिथियों का मन मोह लिया।

सम्मान समारोह के दौरान डॉ. अनूप गुप्ता, कुलपति – जी एल ए विश्वविद्यालय, मथुरा, फ़िल्म एवं टेलीविजन अभिनेता शिशिर मुद्गल, अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल वाजपेई और अकादमी के अध्यक्ष आचार्य नीरज शास्त्री सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। सभी ने वंश की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि “दिव्यांगता कभी भी किसी की राह में रुकावट नहीं बन सकती, यदि मन में कुछ कर दिखाने का जुनून और आत्मविश्वास हो।”

वंश उपाध्याय का यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि उन सभी बच्चों और अभिभावकों के लिए प्रेरणा है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करने का साहस रखते हैं.

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