आगरा। संस्कार भारती जिला आगरा [ब्रज प्रांत] के तत्वावधान में राधाअष्टमी महोत्सव के शुभ अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में डॉ.बिरजू की पुस्तक 'राधायन' का हुआ लोकार्पण के रोज अपार्टमेंट जीवनी मंडी आगरा पर बड़ी धूमधाम से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मथुरा से पधारे *सनानत ब्रजकवि नीरज शास्त्री* ने दीप प्रज्ज्वलन और माँ शारदे पर माल्यार्पण कर किया।
कार्यक्रम के जबलपुर से पधारे मुख्य अतिथि नरेंद्र शर्मा ने अपने आतिथ्य उदबोधन में कहा कि ब्रज संस्कृति भारत के गौरवशाली साहित्य को सुशोभित करने वाली वह संस्कृति है जो राधारानी और श्रीकृष्ण की अलौकिक छवि हमारे मन मस्तिष्क से सीधे-सीधे जोड़ते आध्यात्मिक साक्षात्कार कराती है
अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय कवि डॉ.राजेन्द्र मिलन ने ब्रज भाषा में लेखन के लिए और ब्रज संस्कारशाला के रूप में एक ब्रज फाउंडेशन के गठन की बात कही। जो इस सरकार से ब्रज भाषायी साहित्यकारों की प्रमुख मांग भी रही है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राज बहादुर 'राज' ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज लुप्त होती जा रहीं विभिन्न ब्रज लोक कला, साहित्य, संस्कृति को वापस लाना होगा, यह आप हम सभी साहित्यकारों का दायित्व है कि ब्रज भाषा में लेखन अधिकाधिक करें
विशिष्ट अतिथि डॉ.बृज बिहारी लाल 'बिरजू' ने राधायन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्रज भाषा के विस्तार के लिए राधायन काव्य कृति पूरी तरह से ब्रजरज को समर्पित कृति है।
आमंत्रित कवि-कवयित्रियों में डॉ.राघवेंद्र शर्मा 'राघव', डॉ.यशोयश, जितेन्द्र जैन, यतेन्द्र सोलंकी, विनय बंसल, रामेन्द्र शर्मा, डॉ.सुकेशिनी दीक्षित, प्रेमलता शर्मा, अनुज अनुभव, राकेश निर्मल, संगीता शर्मा, यशोधरा यादव, वंदना तिवारी, शिव मोहन, राम अवतार शर्मा, कामेश मिश्र, उमाशंकर पाराशर, प्रखर अवस्थी, संजय कुमार, देवेन्द्र थापक* आदि ने ब्रज की रंगत बिखेर खूब वाह-वाह लूटी।
सरस्वती वंदना प्रेमलता शर्मा ने किया। और अतिथि स्वागत यतेन्द्र सोलंकी ने किया। कार्यक्रम का संचालन कवि डॉ.यशोयश ने और धन्यवाद ज्ञापित जितेन्द्र जैन ने किया.
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