सुप्रसिद्ध पार्श्वयक मुकेश के जन्मदिन की पूर्व बेला साहित्य संगीत संगम द्वारा उनके गीत-कृतित्व पर कार्यक्रम सम्पन्न
आगरा। जग में रह जाएंगे प्यारे तेरे बोल सुप्रसिद्ध पार्श्वयक मुकेश जी की जन्म की पूर्व बेला में साहित्य संगीत संगम के द्वारा उनके गीतों और उनके कृतित्व पर आधारित एक कार्यक्रम ग्रीन हाउस भोगीपुरा आगरा में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि प्रोफेसर उमापति दीक्षित ने कहा कि मुकेश जी ने जो गीत गए उनमें दर्द भरे गीतों को अलग से याद किया जाता है। राम वर्मा ने कहा मुकेश जी केश्वर में एक स्वाभाविक खनक थी जो उनके स्वर को सीधे दिल में उतार देती थी ।
सुशील सरित ने कहा मुकेश जी ने विशुद्ध साहित्यिक गीतों को भी अपना स्वर दिया और वह बेहद लोकप्रिय हुए जैसे कहीं दूर जब दिन ढल जाए सांझ की दुल्हन बदन चुराए ।प्रोफेसर आन्शवना सक्सेना ने कहा कि मुकेश जी हर दिल की आवाज थे और राज कपूर मनोज कुमार और फिरोज खान तो उनके बिना अधूरे माने जाएंगे।
इस अवसर पर डॉक्टर राजेंद्र मिलन, विनय बंसल ,इंदल सिंह इंदू ,डॉ रमेश आनंद, डॉक्टर असीम आनंद, भाई हरीश अग्रवाल, रूपेश मल्होत्रा, चंद्रशेखर शर्मा, मोहन सिंह, हरीश भदोरिया, हरबीर परमार, प्रकाश गुप्ता ने भी मुकेश जी का स्मरण किया और उनके गीतों को सस्वर प्रस्तुत किया।
स्वागत किया चंद्रशेखर शर्मा ने संचालन किया सुशील सरित ने और धन्यवाद दिया सुधीर शर्मा ने संयोजन सहयोगी थे जगमोहन गुप्ता ।

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