विशाल मंगल कलश यात्रा में उमड़ा श्रद्धा और भक्ति का सैलाब, सूरसदन में नौ दिवसीय गौ महिमा महोत्सव का अलौकिक आयोजन हुआ शुरू


- दीवानी चौराहे से सूरसदन तक बम बम भोले, हर हर महादेव और जय गौ माता के गूँजे गगन भेदी जयकारे  

- हृदय कँवल में गौ माता को कीजिए विराजमान, बरसेगी कृपा, प्रसन्न होंगे सभी भगवान: गोपेश कृष्ण दास जी महाराज

- श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना श्रेयस्कर, पार्थिवेश्वर शिवलिंग बनाकर भगवान शिव का पूजन करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है: रसराज जी महाराज 


आगरा। गौ महिमा महोत्सव समिति, आगरा के तत्वावधान में श्रावण मास के पावन अवसर पर पहले सोमवार को सूरसदन परिसर में नौ दिवसीय गौ महिमा महोत्सव का अलौकिक शुभारंभ पूज्य संतों के पावन सान्निध्य में हुआ। 

          सुबह की बेला में पार्थिव शिवलिंगों के पूजन और अभिषेक के बाद नेहरू नगर स्थित राधा कृष्ण मंदिर से जब भव्य और विशाल मंगल कलश यात्रा निकाली गई तो गौ माता, बम बम भोले और हर हर महादेव के गगनभेदी जयकारों के मध्य कलश लेकर चलतीं 1500 महिलाओं, देवी-देवताओं सँग संतों की झांकियों, मधुर स्वर लहरी बिखेरते बैंड वादकों का ऐसा अद्भुत नजारा दिखा जैसे दीवानी चौराहे से सूरसदन तक श्रद्धा, भक्ति और आस्था का कोई सैलाब उमड़ पड़ा हो..

     मंगल कलश यात्रा के समापन पर पूज्य गोपेश कृष्ण दास जी महाराज ने मातृ शक्ति का आभार व्यक्त करते हुए आशीर्वचन में कहा कि श्रावण मास के प्रथम सोमवार को भगवान शिव और पूज्य गौ माता की परम कृपा से ही ऐसा दुर्लभ पुण्यदायी अवसर हमें मिल पाता है। उन्होंने प्रेरणा दी कि आप अपने हृदय कँवल में गौ माता को विराजमान कीजिए तो आप पर भगवान शिव, भगवान कृष्ण और भगवान राम सहित सभी देवी देवताओं की कृपा बरसने लगेगी।

        जगद्गुरु द्वाराचार्य मलूक पीठाधीश्वर स्वामी श्री राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज के परम कृपा पात्र रसराज जी महाराज ने जय गौ माता, जय गोपाल के संकीर्तन के बाद नारी शक्ति को प्रणाम करते हुए कहा कि आप सभी माताओं ने गौ रक्षा और गौसेवा का जो ध्वज उठाया है, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने समझाया कि महापुरुष धन दिखाने से नहीं, मन दिखाने से, भाव और श्रद्धा से आते हैं।

       शाम की बेला में कथा के पहले दिन रसराज जी महाराज ने कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव स्वयं आकर पूजन स्वीकार करते हैं। सावन मास से अधिक कोई भी दूसरा मास भगवान शिव को प्रिय नहीं। श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना श्रेयस्कर है। इस महीने में पार्थिवेश्वर शिवलिंग बनाकर जो भगवान शिव का पूजन करता है, उसको मनोवांछित फल प्राप्त होता है। इसके अलावा भगवान शिव को दूसरा पूजन स्वीकार नहीं है। तुलसीदास जी ने भी कहा है- लिंग थाप विधिवत करि पूजा। शिव समान प्रिय मोहि न दूजा.. 

       उन्होंने गौ महिमा पर चर्चा करते हुए कहा कि गौ माता सनातन धर्म का मूल है। पूज्य गौ माता पर्यावरण एवं जलवायु के साथ साथ अंत:करण को भी शोधित करती है।

         इससे पूर्व गीता मनीषी ज्ञानानंद जी महाराज और गौ सेवा आयोग उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने दीप जलाकर नौ दिवसीय गो महिमा  महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया। 

      इस दौरान आगरा के प्रमुख समाजसेवी पार्षद मुरारी लाल गोयल पेंट वाले, ऋषि उपाध्याय, पूर्व पार्षद डॉ. कुंदनिका शर्मा, सुमन गोयल, विनोद गंगाचार्य, विजय ओझा, सनातन केसरी, प्रियंका ठाकुर, कुमकुम उपाध्याय, ऋषि रंजना गौड़, प्रवीण भारद्वाज, इंद्रदीप जैन, हरिओम गोयल, भोलानाथ अग्रवाल, मयंक खंडेलवाल, विश्वनाथ भारद्वाज, आशा अग्रवाल, ममता सिंघल, शशि गुप्ता, नितेश बंसल एड., मनोज यादव, उमा दत्त शर्मा, नितिन कोहली, अर्जुन शर्मा और पूर्व पार्षद अमित ग्वाला भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

    आयोजन से जुड़े प्रमुख समाजसेवी पार्षद मुरारी लाल गोयल पेंट वालों ने आगरा वासी भक्त श्रद्धालुओं से सूरसदन आकर सुबह की बेला में पार्थिव शिवलिंग अभिषेक और शाम की बेला में महाशिवपुराण और गौ कथा व भजन संध्या में सहभागिता कर पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील की।

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