बुद्ध पूर्णिमा आज, जानें महत्त्व, पूजाविधि और लाभ : एस्ट्रोलॉजर शिल्पा जैन



एस्ट्रोलॉजर शिल्पा जैन

सर्व मंगल की ओर से बुद्ध पूर्णिमा की  आप सबों को बहुत-बहुत बधाई। 2025 में बुद्ध पूर्णिमा 12 मई सोमवार के दिन मनाई जाएगी इसे वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म बौद्ध धर्म में खास महत्व है वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथि आती है किंतु वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि का अत्यधिक महत्व है। ऐतिहासिक सूत्रों के अनुसार बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा  बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को हुआ था इसी कारण इसे बुद्धपूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि आज के दिन माता लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है ,घर में सुख शांति आती है और दरिद्रता दूर होती है।  भगवान  बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है। आज के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की संयुक्त रूप से पूजा अवश्य करनी चाहिए। घर में गंगाजल का छिड़काव करना विशेष लाभप्रद होता है।शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें एवं चंद्रमा की रोशनी में कुछ देर ध्यान अवश्य करें। चंद्रमा की पूजा करें एवं धूप दीप चंद्रमा को अर्पित करें। 

आज के दिन अपने घर के बाहर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं । आज के दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा तिथि 11 मई को रात्रि 8:01 में शुरू होगी उदया तिथि के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा इस बार 12 मई सोमवार को ही मनाई जाएगी इस दिन स्नान दान का समय सुबह रवि योग में प्रातः 5.32 मिनट से 6:17 तक रहेगा। पंचांग अनुसार ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:08 से 4:50 तक वह रवि योग 5:32 से सुबह 6:17 तक रहेगा उत्तम चौघड़िया मुहूर्त 8:55 सुबह से लेकर 10:36 तक रहेगा। यह बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण त्यौहार है इसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है धार्मिक ग्रंथो के अनुसार इस शुभ दिन पड़ी गौतम बुद्ध का जन्म और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी उनके जीवन में तीन महत्वपूर्ण घटनाएं पहले उनका जन्म दूसरा ज्ञान और तीसरा मोक्ष यह सभी एक ही तिथि पर आते हैं।भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी को तुलसी पत्र अवश्य चढ़ाएं। आज तुलसी मां का पूजा का विशेष महत्व है।

सर्व मंगल की ओर से बुद्ध पूर्णिमा की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई यह पूर्णिमा आपके जीवन में रोशनी ही रोशनी भर दे एवं   सुख समृद्धि एवं स्वास्थ्य ला सर्व मंगल की ओर से बुद्ध पूर्णिमा की  आप सबों को बहुत-बहुत बधाई। 2024 में बुद्ध पूर्णिमा 23 में गुरुवार के दिन मनाई जाएगी इसे वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म बौद्ध धर्म में खास महत्व है। ऐतिहासिक सूत्रों के अनुसार बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा  बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को हुआ था इसी कारण इसे बुद्धपूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि आज के दिन माता लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है ,घर में सुख शांति आती है और दरिद्रता दूर होती है।  भगवान  बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है। आज के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की संयुक्त रूप से पूजा अवश्य करनी चाहिए। घर में गंगाजल का छिड़काव करना विशेष लाभप्रद होता है।शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें एवं चंद्रमा की रोशनी में कुछ देर ध्यान अवश्य करें। चंद्रमा की पूजा करें एवं धूप दीप चंद्रमा को अर्पित करें। आज के दिन अपने घर के बाहर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं । आज के दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है।  इसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है धार्मिक ग्रंथो के अनुसार इस शुभ दिन पड़ी गौतम बुद्ध का जन्म और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी उनके जीवन में तीन महत्वपूर्ण घटनाएं पहले उनका जन्म दूसरा ज्ञान और तीसरा मोक्ष यह सभी एक ही तिथि पर आते हैं।भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी को तुलसी पत्र अवश्य चढ़ाएं। आज तुलसी मां का पूजा का विशेष महत्व है।आज कई प्रकार के शुभ योग होने के कारण यह दिन बहुत खास महत्व लिए हुए हैं। बुद्ध पूर्णिमा के सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को अरग दें और बहता पानी में तिल प्रवाहित करें इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए इस दिन दान दक्षिणा का विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा तिथि में चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं से पूर्ण होता है। यह दिन माता लक्ष्मी को अति प्रिय है। पीपल के वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाएं। अगर आसपास बोधि वृक्ष हो तो बोधि वृक्ष के नीचे दीपक जलाए एवं उनके जड़ों में दूध अर्पित करें ।उसके पश्चात जरूरतमंदों को भोजन एवं कपड़ों का दान करें। आज के दिन तुलसी मां की पूजा करन

 सर्व मंगल की ओर से बुद्ध पूर्णिमा की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई यह पूर्णिमा आपके जीवन में रोशनी ही रोशनी भर दे एवं   सुख समृद्धि एवं स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें ऐसी कामना करती हूं।

 एस्ट्रोलॉजर की कलम सेभ प्रदान करें ऐसी कामना करती हूं।

 एस्ट्रोलॉजर शिल्पा जैन की कलम से

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