राष्ट्र सेविका समिति द्वारा नव संवत् सर मेला-2025 में ब्रजभाषा साहित्य काव्य गोष्ठी धूमधाम से हुई संपन्न
आगरा । ताजनगरी में राष्ट्र सेविका समिति द्वारा आयोजित नव संवत् सर मेला-2025 में ताज लिटरेचर क्लब के तत्वावधान में ब्रजभाषा साहित्य स्टाल पर ब्रजभाषा साहित्य/काव्य गोष्ठी बड़ी धूमधाम से संपन्न हुई।
परिचर्चा/काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए *ब्रजकवि डॉ. रामप्रकाश चतुर्वेदी* ने...
*"नारी के रूप में नारि कहयौ*
*कहुँ काटि के मोहे नीर बहायौ"*
ब्रज शैली के माध्यम से कहा कि लोक गीतों की परंपरा को जिंदा रखने के लिए ब्रज के हर रचनाकार को ब्रज भाषा में साहित्य लेखन को विस्तार देना होगा।
मुख्य अतिथि डॉ. शेषपाल सिंह 'शेष' ने अपने आतिथ्य उद्बोधन में कहा कि ब्रज भाषा के विकास में आज जरूरत है कि कवि-लेखक ब्रज संस्कृति में जीवन जीने की आदत डालें व ब्रज लोक परंपरा-शैली का अध्ययन करें और ब्रजभाषा में नित नई रचना रचें।
आमंत्रित सुप्रसिद्ध कवि डॉ.यशोयश ने ब्रज लोकगीत...
*"वैदिक-धर्म सुसंस्कृत*
*शिक्षा कौ उजियारौ है*
*सनातन धरम् हमारौ है"*
पढ़ते हुए ब्रजभाषा के उत्थान में एक कड़ी जोड़ते हुए ब्रज की लोक कला की धार्मिकता पर ध्यानाकर्षण कर ब्रज के लोकगीत *मल्हार ढोला रसिया रासलीला मंचन दोहा छंद सवैया सोरठा* आदि विधा पर कलमकारों को लेखन करना होगा तब ही ब्रज भाषायी संस्कृति को बचा पाना संभव होगा।
*कवि रामेन्द्र शर्मा 'रवि'* ने ब्रजगीत...
*"कन्हैया आइजा मेरे द्वार*
*वाट जोहि रहयौ हूं तडके ते*
*ड्यौढ़ी रहयौ बुहार"*
पढकर ब्रज की लाज ब्रजटेक गीत लिखकर ब्रजभाषा को सजा संवारा जा सकता है।
*कवि कामेश मिश्र 'सनसनी'* ने...
*"कहीं-कहीं थोड़ी-थोड़ी सी*
*क्यों कैसी-कैसी ये धूम है"*
पढ़कर नव संवत् सर की अग्रिम शुभकामनायें दीं।
*कवयित्री सीमा 'रहस्यमयी'* ने राधाकृष्ण की रासलीला का वर्णन...
*"सुरमयी जे भोर रै*
*वृंदावन में तोह रै"*
पंक्तियाँ पढ़कर किया।
*कवयित्री अनुपमा दीक्षित* ने नारी विमर्श पर केन्द्रित रचना...
*"हर बार परीक्षा नारी क्यों दे*
*क्यों? हर बार छली जाए"*
पढ़ते हुए नारी सशक्तीकरण को पंख लगाकर आकाश छू लेने का संदेश दिया।
परिचर्चा/काव्य गोष्ठी में अन्य चर्चित कवि-साहित्य प्रेमियों में सर्वश्री *प्रभुदत्त उपाध्याय ऊषा गिल 'सहज' रामकुमार रावत जगन प्रसाद तेहरिया आर के शर्मा गोपाल गौड़ मनोज कुमार चतुर्वेदी हरवीर परमार* आदि ने बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता दी।
कार्यक्रम का कुशल संचालन *कवयित्री अनुपमा दीक्षित* ने किया।
अंत में कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी अतिथि व आगंतुक महनीय रचनाधर्मियों का धन्यवाद ज्ञापित *कवयित्री भावना वरदान शर्मा* ने किया।
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