शिवरात्रि पर जानें शुभ महूर्त, अपनी राशिनुसार करें पूजन : डॉ शिल्पा जैन


शिव सत्य है शिव अनंत हैं  

शिव अनादि है भगवंत है

 शिव ओंकार है शिव ब्रह्म है

 शिव शक्ति है शिव भक्ति है

भगवान शिव की आराधना जिस भक्तों ने भी अंतर हृदय से की है उसे आध्यात्मिक एवं भौतिक दोनों प्रकार के सुखों की प्राप्ति अवश्य होती है।

शिवरात्रि यानी कि भगवान शिव की रात्रि। यह रात्रि भगवान शिव एवं माता पार्वती को अर्पित है । फागुन मास वैसे भी अंतिम मास होता है उसके पश्चात नया वर्ष प्रारंभ हो जाता है। फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का महा पर्व मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव और शक्ति के मिलन की रात मानी जाती है। भगवान शिव बहुत ही सरल हृदई है सौम्या है देवों में महादेव है अतः किसी भी प्रकार  से इनकी साधना की जाए तो यह अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। शिवरात्रि की रात्रि में शिव पूजन व रुद्रा अभिषेक का विधान है भगवान शिव की अति प्रिय रात्रि को ही शिवरात्रि कहते हैं। शिवरात्रि यमराज के शासन को मिटाने वाली और शिवलोक को देने वाली है बताया गया है कि फागुन मास की चतुर्दशी की रात्रि को आदि देव भगवान श्री शिव करोड़ों सूर्य के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए शिव कहते हैं इस रात्रि में जो प्राणी शिव में होकर मुझे याद करता है मेरी भक्ति से पूजा करता है मैं सदा उस साधक के साथ रहता हूं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फागुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि में चंद्रमा सूर्य के समीप होता है अतः वही समय जीवन रूपी चंद्रमा का शिव रूपी सूर्य के साथ योग मिलन होता है अतः वर्ष भर की चतुर्दशी व विशेष का गुण चतुर्दशी को शिव पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है अतः इस प्रकार ज्योतिष शास्त्र में भी इसका बहुत महत्व है। 2025को शिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी सुबह 11:08 पर शुभ रात्रि का पर्व शुरू होगा और 27 फरवरी सुबह 8:12 पर समाप्त होगा। अतः महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के पूजन का दिन 26 फरवरी की रात होगी।  भगवान शिव को प्रकृति का देवता माना जाता है इस दिन पेड़-पौधों की पूजा करने की परंपरा भी है। महाशिवरात्रि की रात को ग्रहो के स्थिति ऐसी होती है कि शरीर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है इसलिए ध्यान  विशेष रुप से प्रभावी माना जाता ह

सर्वप्रथम पूजा का समय 6:45 से 9:42 तक जल चढाया जा सकता है दोपहर 11:06  से 12:35 तक जल चढाया जा सकता है इसके अतिरिक्त दोपहर 3:25 से 18:08 तक और रात 8:12 से 12:01 तक जल अभिषेक कीया सकता है

 प्रथम पहर की पूजा में शिवलिंग पर दूध अर्पित करना श्रेयस्कर होता है द्वितीय पहर की पूजा में दही अर्पित करें  तृतीय पहर की पूजा में घी अर्पित करें एवं चतुर्थ पूजा में शहद अर्पित करें।  चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है किंतु त्रयोदशी के तिथि से ही शुद्धता रखनी शुरू कर देनी चाहिए ।सर्वप्रथम व्रत का संकल्प लें इसके पश्चात सर्वप्रथम विश्व को अलौकिक करने वाले देवता सूर्य भगवान को जल अर्पित करें, शिव पूजा मंदिर में जाकर करना श्रेष्ठ कर है लेकिन जो पूजा मंदिर में जाकर ना कर पाए वह घर में ही पूजा कर सकते हैं आज के दिन शिवलिंग की पूजा का बहुत महत्व है ऐसा माना जाता है कि आज भगवान और शिव पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था आज के दिन शिव परिवार की पूजा अवश्य करनी चाहिए सर्वप्रथम पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक अभिषेक करें सफेद चंदन, धतूरा ,भांग ,बेलपत्र, सफेद वस्त्र, अर्पित करें ।सफेद मिठाई 5 तरह के मौसमी फल, मीठा पान, इत्र ,भस्म ,गुलाल, हल्दी अर्पित करें। केसर युक्त खीर का भोग लगाना अति उत्तम माना गया है । 

पूजन में दो जायफल भी अवश्य रखें एवं जो भी भक्त जन रुद्राक्ष पहनना चाहते हो या रुद्राक्ष धारण किए हुए हो और रुद्राक्ष भी पूजन में अवश्य रखें।आज पूरे दिन शिव मंत्रों का जाप आपके घर में लगातार होते रहना चाहिए। पुरुष ओम नमः शिवाय, एवं महिलाएं नमः शिवाय का जाप अवश्य करें । जो लोग शारीरिक पीड़ा से पीड़ित हैं उनके लिए निम्नलिखित मंत्र है-

ओम जूं स: पालय पालय स: जूं ओम

आज के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप का विशेष महत्व बताया गया है। आज के दिन रुद्री पाठ शिव पुराण शिव महिमन स्तोत्र मृत्युंजय स्तोत्र शिव जी के 108 नाम इन में से किसी भी मंत्र का जाप अवश्य करें। रात्रि में शिव तांडव स्त्रोत पढ़ना बहुत ही उत्तम बताया गया है।

आज की रात्रि अखंड दीपक जलाने का बहुत महत्व बताया गया है। आज के दिन जी का अखंड दीपक या तिल के तेल का अखंड दीपक अवश्य जलाना चाहिए। अगर किसी भी भक्तों के घर शिवलिंग है तो सर्वप्रथम अपने मस्तक पर सफेद चंदन का टीका लगा एवं शिवलिंग पर त्रिपुंड लगाएं लगाते वक्त बोले हे त्रिपुरारी पूर्ण करो कामना हमारी , प्रार्थना करें कि हे शंभू आप मेरी पूजा को स्वीकार करें फिर पांचो द्रव्य भगवान को अर्पित करें, बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं और बेलपत्र को हमेशा उल्टा रखना चाहिए अर्थात जो चिकना हिस्सा होता है बेलपत्र का वह नीचे की तरफ होनी चाहिए एक एक पत्ता चढ़ाते वक्त नमः शिवाय अवश्य बोले। जवान शिव को उनके 8 नाम अति प्रिय है अतः पुष्प चढ़ाते वक्त यह 8 नाम अवश्य बोले या 8 नाम इस प्रकार बोले ओम भवाए नमः, ॐ शरवाय नमः, ॐ रुद्राय नमः, ओम पशुपतै नमः , ओम उग्राए नमः, ओम महानए नमः , ओम भीमाए नमः , ओम ईशानाए नमः। इसके पश्चात 108 बार ओम नमः शिवाय की माला फेरी भगवान को बाहरी आडंबर की जरूरत नहीं होती है भगवान भावना के भूखे होते हैं अंतर्मन से भावना पूर्वक अगर सिर्फ ओम नमः शिवाय का जाप किया जाए तो हो उतना ही फलदाई होता है। आज के दिन विशेष कर रही है देखा गया है कि मंदिरों में दूध का अपव्यय बहुत होता है आप सभी से विनती है कि कुछ बूंदे दूध की चढ़ाई बाकी दूध का पैकेट वही शिवलिंग के पास रख दें ताकि जरूरतमंद उसका सेवन कर सके। दो जायफल एवं जनों भगवान शिव को जरूर अर्पित करें। अगले दिन प्रातः दोनों जायफल ले आए एक अपने पूजा स्थान पर एवं एक लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें।

पूजा के पश्चात फल ग्रहण करें व्रत करने वाले अन्न का सेवन न करें  अगले दिन ब्राह्मण को दक्षिणा देने के पश्चात ही भोजन ग्रहण करें ।भोलेनाथ ऐसे भगवान है जो शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और शीघ्र ही रुष्ट भी हो जाते हैं ।आज के दिन भगवान को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम माना गया। माना गया है कि आज के दिन ही भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे ।आज के दिन स्वयं भगवान शिव लिंग में विराजमान रहते हैं। आज सफेद या लाल वस्त्र धारण करके ही पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है। काला नीला वस्त्र आज के दिन धारण ना करें। आज रात्रि की पूजा बहुत विशेष मानी गई है आज के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाऐ तीन पत्र आपस में जुड़े हुए होने चाहिए और उस पर चंदन से ओम नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें साथ में अक्षत जरूर अर्पित करें ।भगवान शिव की पूजा करने से पहले भगवान गणेश, कार्तिकेय जी ,नंदी जी एवं पार्वती जी की पूजा अवश्य करें। आज के दिन बैल को हरा चारा अवश्य खिलाए क्योंकि बैल को नंदी का ही रूप माना गया है। आज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लेने के बाद शिव मंत्र का जाप लगातार करें। शिवलिंग पर शंख से जल कदापि ना चढ़ाएं स्टील के लोटे से भी ना चढ़ाएं सबसे उत्तम है पीतल का पात्र है या मिट्टी का पात्र या फिर चांदी का लोटा प्रयोग में ला सकते हैं ।आज के दिन कदापि तुलसी जी का पत्र अर्पित ना करें। चंपा कुमकुम का प्रयोग भी आज के दिन वर्जित माना गया है। चंपा का फूल कुमकुम हल्दी शिव परिवार पर चढ़ा सकते हैं किंतु शिवलिंग पर ना रखें। भगवान शिव का प्रमुख वस्त्र भस्म है इसलिए भस्म जरूर अर्पित करें एवं उस भस्म का स्वयं तिलक भी लगाएं आंख का पुष्प एवं सफेद पुष्प और बेलपत्र अति प्रिय वस्तुएं बताई गई है अतः इन्हें जरूर अर्पित करें। तामसिक भोजन न ग्रहण करें किसी भी पशु पक्षी को ना मारे और शिवलिंग का स्पर्श ना करें। आज के दिन जिन्होंने भी  व्रत का संकल्प लिया है अनार संतरे का सेवन करें किंतु नमक और गन्ने का रस का सेवन ना करें नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग कर सकते हैं आज के दिन काला नमक चावल का सेवन ना करें मीठी चीजों का सेवन करें पंचामृत जरूर अर्पित करें एवं बाद में उसका सेवन करें शिवलिंग पर बेर अर्पित करना बहुत ही शुभ माना गया है बाद में बेर का सेवन स्वयं करें शिवलिंग पर अकेला अर्पित करें दूध में चीनी डालकर अभिषेक करना भी श्रेष्ठ कर बताया गया है आज के दिन अमृत योग सिद्धि योग स्वार्थ सिद्धि योग धन योग शिव योग इन सभी महत्वपूर्ण लोगों का निर्माण हो रहा है । राशि वालों के लिए यह दिन बहुत ही विशेष महत्त्व लेकर आ रहा है 

राशिनुसार करें ये उपाय

सर्वप्रथम मेष राशि - रुका कार्य पूरा होगा नौकरी में लाभ होगा धन लाभ होगा

 मिथुन राशि- धन लाभ होगा दांपत्य जीवन सुखी विवाह योग संतान योग

 कर्क राशि- विशेष लाभ तरक्की होगी लॉटरी लग सकती है धन लाभ

 कन्या राशि- तरक्की का योग लॉटरी सट्टा मेला प्रमोशन का योग धन लाभ तुला राशि व्यापारी नौकरी में सफलता कानूनी विवाद खत्म होने की संभावना।

कुंभ राशि- धन लाभ सभी कार्यों में सफलता लोन प्राप्ति के उपाय बनेंगे

मीन राशि - धन लाभ आय में वृद्धि जमीन जायदाद से लाभ

राशियों के अनुसार भोलेनाथ पर चढ़ाई गई वस्तुएं इस प्रकार है-

मेष राशि- लाल चंदन एवं लाल पुष्प 

वृष राशि- सफेद फूल चमेली के पुष्प एवं शिव रुद्राष्टक का पाठ करें

 मिथुन राशि- धतूरा एवं भांग

 कर्क राशि -भांग मिश्रित दूध से अभिषेक करें अभिषेक करें और 21 बेलपत्र 

 सिंह राशि - कनेर के लाल पुष्प 21,51 बेलपत्र चढ़ाएं। कन्या राशि- 21-51 बेलपत्र अर्पित करें 

तुला राशि- युक्त दूध से अभिषेक करें शिव जी के सहस्त्र नाम का जाप करें।

 वृश्चिक राशि- गुलाब पुष्प एवं बेलपत्र

 धनु राशि- खीर का भोग लगाएं, पीला पुष्प एवं 21 बेलपत्र चढ़ाएं

 मकर राशि- धतूरा भांग एवं पार्वती जी के मंत्र का जाप करें कुंभ राशि -गन्ने के रस सेअभिषेक करें 11,21 या 51 बेलपत्र अर्पित करें 

मीन राशि- दूध दही अर्पित करें।

अगर हमारे जीवन में निम्न प्रकार की परेशानी चल रही हो तो बताएंगे वस्तुओं से अभिषेक करना बहुत उत्तम माना गया है दही से अभिषेक करने से संपत्ति में बढ़ोतरी होती है ,गन्ने के रस से अभिषेक करने से लक्ष्मी जी की प्राप्ति होती है, शहद एवं भी से अभिषेक करने से मनोवांछित कार्य पूरा होता है ,नंदी बैल को हरा चारा खिलाने से रुका हुआ धन वापस मिलता है। शिवलिंग पर जल की धारा अर्पित करने से प्राणों की रक्षा होती है एवं स्वास्थ्य लाभ होता है।

अतः शिवरात्रि का त्यौहार आपके जीवन में सुख समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए मैं शिल्पा जैन यही कामना करती हूं।

काल भी तुम और महाकाल भी तुम

 लोक भी तुम और त्रिलोक भी तुम

 शिव भी तुम और सत्यम भी तुम

एक फूल एक बेलपत्र एक लोटा जल की धार करे सब के जीवन का उद्धार

 ओम नमः शिवाय

शिवरात्रि की बहुत-बहुत शुभकामनाएं

Comments