कृमि संक्रमण से बचाव को 15.1 लाख बच्चों ने खाई अल्बेंडाजोल की दवा


- नोडल अधिकारी ने छात्र-छात्राओं को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाकर कृमि मुक्ति दिवस का किया शुभारंभ


- 5314 स्कूलों और 2988 आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया गया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 


- 14 फरवरी को चलेगा मॉप अप राउंड, जिसमें दवा खाने से छूटे हुए बच्चों को किया जाएगा आच्छादित


आगरा, 10 फरवरी 2025।  

जनपद में सोमवार को ब्लॉक बरोली अहीर स्थित सेंट एंड्रूज स्कूल में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव के निर्देशन में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन और ब्लॉक प्रमुख काका उत्तम सिंह ने स्कूल की छात्र-छात्राओं हिमांशी, आनंद, ओम मुदगल और तमन्ना को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाकर कृमि मुक्ति दिवस का शुभारंभ किया । दिवस के दिन आगरा के स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र पर 15.1  लाख बच्चों बच्चों ने दवा खाई ।


नोडल अधिकारी ने उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि पेट में कृमि संक्रमण को रोकने के लिए बच्चों व किशोर किशोरियों को छह-छह माह के अंतराल पर वर्ष में दो बार पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाना आवश्यक है। कृमि मुक्ति अभियान एक सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल है जिसका उद्देश्य बच्चों में कृमि संक्रमण को रोकना और नियंत्रित करना है। एसीएमओ की मौजूदगी में विद्यालय में 510 विद्यार्थियों को दवा खिलाई गई । जिले के सभी ब्लॉक के 5314 स्कूलों और 2988  आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक से 19 वर्ष आयु वर्ग के लाभार्थियों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई । 


डॉ. संजीव बर्मन ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य बच्चों में कृमि संक्रमण को समाप्त करना है। कृमि संक्रमण से बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे उनका विकास प्रभावित होता है। इस अभियान में एवीडेंस एक्शन संस्था के जिला समन्वयक शाहिद खान सहयोग कर रहे हैं । अभियान के दौरान 23.18 लाख लाभार्थियों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। 



कृमि संक्रमण के लक्षण 

नोडल अधिकारी ने बताया कि गंभीर कृमि संक्रमण से दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगने जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। हल्के संक्रमण में यह लक्षण नहीं दिखते हैं, इसलिए बचाव की दवा सभी को खानी चाहिए। दवा का सेवन करने से कुछ बच्चों में जी मिचलाने, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण आ सकते हैं जो स्वतः ठीक हो जाते हैं। दवा का सेवन हमेशा खाना खाने के बाद ही करना है। 


दवा खाने के बाद 12 वर्षीय छात्रा तमन्ना ने बताया कि मेरे विद्यालय की प्रधानाचार्य साहिबा खान द्वारा प्रार्थना के दौरान और पेरेंट्स मीटिंग में बच्चों और अभिभावकों को एल्बेंडाजोल के बारे में जानकारी दी गई । मेरे क्लास के अध्यापक द्वारा उपस्थित सभी बच्चों को कृमि संक्रमण से संबंधित जानकारी दी गई और आज आयोजित कार्यक्रम में मैंने पेट से कीड़े निकालने की दवा (एल्बेंडाजोल) का सेवन किया अभी तक मुझे कोई भी परेशानी नहीं हुई है । यह दावा सुरक्षित है।


इस मौके पर एमओ डॉ. देवेंद्र सिंह, जिला समन्वयक एवडेंस एक्शन शाहिद खान,एआरपी बरौली अहीर अनिल कुमार शर्मा, एचईओ सतीश यादव, आंगनवाड़ी सुपरवाइजर ममता सिंह, आईओ रविंद्र सहित  स्कूल के सभी अध्यापक मौजूद रहे मौजूद रहे।


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कृमि संक्रमण से बचाव के छह उपाय

- नाखून साफ और छोटे रखें

- खाना ढक कर रखें

- खाने से पहले और शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद साबुन पानी से हाथ धोएं

- जब भी बाहर निकलें जूते पहनें

- पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें

- हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करें, खुले में शौच न करें

- आसपास साफ सफाई रखें

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यह हैं कृमि मुक्ति के फायदे 

- रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि

- स्वास्थ्य और पोषण में सुधार

- एनीमिया नियंत्रण

- समुदाय में कृमि व्यापकता में कमी

- सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार

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