- युग वक्ता डॉ. कुमार विश्वास के श्री मुख से प्रभु राम की कथा के मार्मिक प्रसंगों ने हजारों आगरा वासियों को किया भाव विभोर, उमड़ा आस्था का सैलाब
- वाम पथ पर जाती हुई युवा पीढ़ी को राम पथ पर ला सकूं, यही प्रयास-यही प्रार्थना है 'अपने-अपने राम' की यह श्रृंखला: डॉ. कुमार विश्वास
आगरा। बीएन परिवार और श्री राम सेवा मिशन द्वारा फतेहाबाद रोड स्थित जेपी वेडिंग स्क्वायर में आयोजित अपने-अपने राम कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार शाम अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त राम कथा मर्मज्ञ एवं युग वक्ता डॉ. कुमार विश्वास के हजारों दीवानों के रूप में आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा कि हजारों लोगों से खचाखच पंडाल भरने के कारण सेंकड़ों लोग बाहर ही रह गये। उन्हें बहुत प्रयास करने के बाद भी अंदर स्थान न मिल सका। वे मायूस रहे लेकिन अंदर बैठे हजारों राम रसिक राम कथा के मार्मिक प्रसंग कुमार विश्वास की रोचक शैली में सुनकर भाव विभोर हो गए। आंखों से आंसुओं की धारा बहती रही। जय जय सियाराम की गूंज के बीच अपने-अपने राम की मधुर स्वर लहरी ने मन प्राणों को रोमांचित कर दिया।
राम केवट मैत्री की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे परिवारों में मैत्री समाप्त हो रही है। हमारे मित्र आर्थिक स्थितियों से बदल रहे हैं। लोग मित्रों को भूल जाते हैं। कितने भी बड़े हो जाना, कभी अपने मित्रों को मत भूलना। जिस तरह सुदामा के बिना द्वारिका सूनी है, इसी तरह अगर आपका अयोध्या में राज्याभिषेक हो और उस समय आपका मित्र केवट नहीं आए तो अयोध्या सूनी है।
भूमि से उत्पन्न माता सीता के प्रसंग में उन्होंने श्रम का महत्व समझाते हुए कहा कि एक राजा ने अपनी जनता को अकाल से पीड़ित देखा तो खुद हल चलाने लगे। उनको सीता तब मिलीं जब वह हल चला रहे थे, श्रम कर रहे थे। आज पश्चिम ने श्रम का महत्व जीरो कर दिया है। हम लोग पत्नी, बच्चों, सेवकों पर चिल्लाते हैं क्योंकि हमारे जीवन से श्रम की उपादेयता कम करने का उपक्रम किया गया। हमने श्रम को समाप्त कर दिया। हमने राम सुने होते तो समझ में आता कि उन्होंने खुद पंचवटी में अपनी कुटिया खड़ी की थी। साधनों के भोग से शांति नहीं मिलती। इसीलिए सत्यमेव जयते के साथ श्रम एव जयते का नारा भी अब हमें बुलंद करना चाहिए।
उन्होंने युवाओं से रूबरू होते हुए कहा कि आज पूरी पीढ़ी एंग्जायटी की शिकार है। हर कोई जल्दी पाना चाहता है। आज के युवा को स्वयं पर भरोसा नहीं है। उसकी आस्तिकता समाप्त हो रही है। आईआईटी में सेलेक्ट नहीं हुए तो आज के युवा आत्महत्या कर लेते हैं। अगर आज के युवा पांच दिन अपने-अपने राम सुन लें तो आत्महत्या करना भूल जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हम अपने-अपने राम के माध्यम से जिस विश्वविद्यालय को बनाने का प्रयास कर रहे हैं, वहां से निकले विद्यार्थी का तन, मन और आत्मा ऑर्गेनिक होगी। मेरा यही प्रयास और यही प्रभु राम से प्रार्थना है कि मैं वाम पथ पर जाती हुई युवा पीढ़ी को राम पथ पर ला सकूं।
उन्होंने बेटियों को समझाया कि जो बच्चियाँ अपने पिता से सब कुछ कह सकती हैं, उनका जीवन में कोई दुरुपयोग नहीं कर सकता। पिताओं से कहा कि वह अपनी बेटियों के मित्र बनें। आपने उन्हें कंधा नहीं दिया तो कोई गैर सात्विक व्यक्ति उसे कंधा देगा। आपके घर की श्रद्धा किसी नीच पापी के सूटकेस में 36 टुकड़े होकर आपको मिलेगी।
गौतम ऋषि और अहिल्या के प्रसंग में उन्होंने बताया कि इंद्र आज की एआई तकनीक के सहारे ही गौतम ऋषि का मायावी रूप धर के अहिल्या से मिलने पहुंचे। एआई तकनीक 'माया' है। रावण मायावी है तो राम माया पति। आप मायावी नहीं, माया पति बनिए। एआई को पर्सनल लस्ट के लिए प्रयोग करोगे तो विश्व का नाश होगा और अगर विश्व मंगल के लिए प्रयोग करोगे तो भारत विश्व गुरु बनेगा..
अंतिम दिन उन्होंने आगरा के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि कि इतना तो मैं अपने भाइयों के साथ भी नहीं रहा, जितनी यात्राएं मैंने आगरा के अपने अनुज रमेश मुस्कान के साथ देश-विदेश में की हैं।
इस दौरान 'जरा धीरे-धीरे गाड़ी हांको मेरे राम गाड़ी वाले', 'भजमन राम चरण सुखदाई' और 'लाला जी! मोरी लागी लगन मत तोड़ना..' जैसे भजनों ने लोगों को भगवान राम के चरणों में मगन कर दिया।
इससे पूर्व, उद्घाटन के दौरान बीएन परिवार के मुखिया और श्री राम सेवा मिशन के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल, कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी, पूर्व सांसद रामशंकर कठेरिया, राज्यसभा सांसद नवीन जैन, जिला जज विवेक सिंघल, श्री राम सेवा मिशन के राष्ट्रीय संयोजक सचिन अवस्थी, बाईके गुप्ता (शारदा ग्रुप), अनुभव अग्रवाल, आयुष अग्रवाल, शुभम अवस्थी, आशिमा अग्रवाल, डॉ. प्रियम अवस्थी, अशोक चौबे एडवोकेट, संजय गोयल, अनुराग सिन्हा, अनिल वर्मा एडवोकेट और मनोज अग्रवाल (पोली भाई) प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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