मोक्षदा एकादशी अथवा मौन एकादशी 11 दिसंबर बुधवार के दिन है। धर्म ध्यान करने का सर्वोत्तम दिन माना गया है।
मौन और एकांत आत्मा के सर्वोत्तम मित्र है। यह एक ऐसा मित्र है जो हमें परमात्मा के करीब ले जाता है। मौन शब्द को अगर हम उल्टा करें तो न - मौ अर्थात नम जाना अहंकार का समर्पण करने का जरिया है मौन ।आज मोक्षदा एकादशी के दिन सिर्फ परमात्मा से बातें करें अपनी आत्मा को परमात्मा के समीप ले जाए आज हमारा संवाद सिर्फ परमात्मा के साथ हो।
आज चावल, पान एवं मसूर की दाल का सेवन ना करें एवं भगवत गीता का पाठ अवश्य करें। सायं काल मां तुलसी के समक्ष घी का दीपक अवश्य जलाएं।आज स्नान आदि से निवृत्त होकर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें, चावल का सेवन न करें एवं ज्यादा से ज्यादा आज मौन अवस्था में रहे। जैन धर्म के अनुयाई भक्तामर का पाठ एवं सनातन धर्म के लोग विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें। आज के दिन मोर पंख और बांसुरी अवश्य खरीदें इससे वास्तु दोष दूर होता है। आज स्नान आदि से निवृत्त होकर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें, चावल का सेवन न करें एवं ज्यादा से ज्यादा आज मौन अवस्था में रहे।
आज के इस पावन दिन आपके जीवन में धर्म का प्रवेश उच्च कोटि के स्तर पर हो और इसके द्वारा हमारे कर्म निर्जरा हो यही ईश्वर से प्रार्थना है।
एस्ट्रोलॉजर डॉक्टर शिल्पा जैन
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