आगरा में भव्यता के साथ मनाया जाएगा, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का शहीदी दिवस, होगा विशेष समागम

 


आगरा। नवी पातशाही हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर साहिब जी का शहीदी दिवस 6 दिसंबर को आगरा में भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। गुरु तेग बहादुर साहिब जी का आगरा से सीधा नाता रहा है । वह दो बार आगरा आए । यही से उनकी गिरफ्तारी हुई । इसके बाद दिल्ली के चांदनी चौक में उनकी शहादत हुई। गुरु तेग बहादुर साहिब जी के शहीदी दिवस के अवसर पर आगरा में गुरुद्वारा माई थान व गुरुद्वारा गुरु का ताल में विशेष कीर्तन समागम आयोजित किया जा रहे हैं ।गुरुद्वारा गुरु का ताल , गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा माईथान, सुखमनी सेवा सभा और चढ़दीकला सोसायटी की ओर से शहीदी दिवस का पोस्टर विमोचन करते हुए कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी गयी । 

इस दिन सुबह का दीवान जहां गुरुद्वारा माईथान में आयोजित होगा तो वही शाम को विशेष कीर्तन समागम गुरुद्वारा गुरु का ताल स्थित में किया जाएगा।

इस दौरान गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब गुरु का ताल के मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी ने बताया कि गुरु का ताल में शहीदी दिवस मनाए जाने की आरंभता 3 दिसंबर से हो गई है । चार दिवसीय इस आयोजन के तहत पहले दिन गुरुद्वारा मंजी साहिब का दूध से स्नान कराया गया। 4 दिसंबर को सुबह अखंड पाठ रखे गए 6 दिसंबर को सुबह इनका समापन होगा और शाम को विशेष कीर्तन समागम होगा ।

जिसमें विशेष रूप से भाई गुरविंदर सिंह जी रुद्रपुर वाले कीर्तन करेंगे इसके अलावा गुरुद्वारा गुरु का ताल के हजूरी रागी भाई हरजीत सिंह आदि अपनी हाजिरी भरेंगे। कीर्तन समागम के दौरान ज्ञानी केवल सिंह जी अपने गुरमत विचारों के माध्यम से गुरु तेग बहादुर साहिब की जीवन व गिरफ्तारी व शहादत पर विस्तार से कथा करेंगे।

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा माईथान आगरा के प्रधान कवलदीप सिंह ने बताया की शहीदी दिवस 6 दिसंबर को  दिन में मुख्य रूप से गुरुद्वारा माईथान में मनाया जाएगा। प्रातः 7:00 बजे से शुरू होकर यह दीवान दोपहर 2:30 बजे तक चलेगा। जिसमें मुख्य रूप से भाई गुरविंदर सिंह जी रुद्रपुर वाले अपनी रसमई वाणी से संगत को निहाल करेंगे।  दीवान की शुरुआत अखंड कीर्तनी जत्थे की ओर से आसा दी वार के कीर्तन के साथ होगी। इसके अलावा भाई विजेंद्र सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा माईथान,ज्ञानी ओंकार सिंह हेड प्रचारक गुरुद्वारा माईथान ,भाई हरजीत सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा गुरु का ताल  और स्त्री सिंह सभा का जत्था कीर्तन समागम में अपनी हाजिरी भरेगा। उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा माईथान आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था बीपी ऑयल मिल में की गई है।

गुरुद्वारा माईथान के हेड ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने बताया गुरुद्वारा माई थान वह ऐतिहासिक स्थान है जहां नवी पातशाही गुरु तेग बहादुर साहिब ने दो बार अपने चरण पाए थे ।यहां रहने वाली 160 वर्षीय वृद्ध महिला माता जस्सी ने गुरु जी के लिए बहुत सुंदर कपड़े का थान तैयार किया था ।माता जस्सी प्रतिदिन अरदास करती थी कि गुरुजी स्वयं यहां आए तब मैं उन्हें यह थान दूंगी । यह अरदास सुन गुरु जी यहां आए और माता जस्सी ने उन्हें यह थान भेंट किया तभी से इस स्थान का नाम माई थान पड़ गया। इस पूरे क्षेत्र का पानी बहुत खारा था पीने के पानी की बहुत परेशानी थी। माता जस्सी व क्षेत्रीय लोगों की विनती सुन गुरु जी ने यहां एक कुआं खुदवाने के लिए टक लगाया। इसके बाद गुरुजी यहां से आगे कूच कर गए ।कुएं का पानी बहुत मीठा निकला सभी लोगों ने कुएं का शीतल व मीठा जल ग्रहण किया । केवल माता जस्सी ने इस जल को ग्रहण न करते हुए कहा कि जब तक गुरु जी स्वयं आकर इस जल को ग्रहण नहीं करते हुए कुए का पानी नहीं पियेंगी। 11 वर्ष बाद गुरुजी पुनः लौटे और फिर माता जस्सी के हाथों कुएं का जल ग्रहण किया व माता जस्सी को भी ग्रहण कराया। इसके बाद वे यहां से आगे बढ़ गए और फिर बाद में उनकी आगरा से ही गिरफ्तारी हुई। जहां से गिरफ्तारी हुई उसे स्थान को गुरु के ताल के नाम से जाना जाता है।

ड्रेस कोड का रखें ध्यान

 गुरुद्वारा गुरु का ताल के मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी ने समस्त सिख संगत से अपील की है की शहीदी दिवस पर सिख केसरिया पगड़ी बांधे और महिलाएं की केसरिया चुन्नी ओड़ कर आने की कृपा करें।

पोस्टर विमोचन कार्यक्रम के दौरान बाबा अमरीक सिंह, महंत हरपाल सिंह , चढ़दी कला सोसायटी के दलजीत सिंह सेतिया , सुखमनी सेवा सभा के वीर महेंद्र पाल सिंह, परमजीत सिंह सरना, गुरमीत सेठी ,सतीश सिंह अरोड़ा, संजय जटाना      हरमहेंद्र सिंह ,परमात्मा सिंह अरोड़ा और प्रवीण अरोड़ा मौजूद रहे

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