डॉ. वेद का पूरा जीवन कुष्ठ रोगियों की सेवा करते हुए ही बीता डॉ. वेद जैसा व्यक्तित्व इस दुनिया में ढूढ़े नहीं मिलता : डॉ चन्द्रकान्त त्रिपाठी



Agra | आगरा की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मधु भारद्वाज के पति अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक एवं राष्ट्रीय जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइकोबैक्टीरियल रोग संस्थान के पूर्व निदेशक स्व डॉ वेद भारद्वाज की स्मृति में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन कुष्ठ सेवा सदन, पूर्वी गेट, ताजगंज में भारद्धाज परिवार एवं देवनागरी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था-आगरा के तत्वावधान में दो सत्र में संपंन्न हुआ। 

      दो सत्र में हुए कार्यक्रम में पहले सत्र में मुख्य अतिथि डॉ चन्द्रकान्त त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में कहा कि डॉ. वेद का पूरा जीवन कुष्ठ रोगियों की सेवा करते हुए ही बीता डॉ. वेद जैसा व्यक्तित्व इस दुनिया में ढूढ़े नहीं मिलता। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि डॉ राजेन्द्र मिलन ने कहा कि डॉ. वेद ने यथा नाम तथा काम को चरितार्थ करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने क्षेत्र में बहुत ख्याति प्राप्त की।

कार्यक्रम का कुशल संचालन देवनागरी संस्था के अध्यक्ष कवि डॉ. यशोयश ने किया। धन्यवाद ज्ञापित डॉ. वेद जी के इकलौते सुपुत्र संकल्प भारद्वाज ने किया।

          समारोह में विशिष्ट अतिथियों में अशोक अश्रु, डॉ.शशि गुप्ता, कवयित्री निशिराज एवं संकल्प भारद्वाज के साथ शहर के साहित्य मनीषियों और गणमान्य महानुभावों में पूजा 'प्रियल', पदमावती "पदम' सुधा वर्मा, उपलब्धि भारद्वाज, वंदना तिवारी रविशंकर पचौरी, उपेन्द्र सिंह, शरद गुप्ता, राज कुमार जैन, एस.के. मनराल, डॉ.आर.सी.अग्रवाल ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए शब्दांँजलि दी।

      दूसरे सत्र में देवनागरी लिपि को समर्पित मासिक पत्रिका के नए अवतार गंगाशरणम् का भी विमोचन किया गया। 


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