एस्ट्रोलॉजर डॉ शिल्पा जैन
कुमकुम भरे कदमों से आए लक्ष्मी जी आपके द्वार धन संपत्ति से भरे घर आपका सुख समृद्धि मिले अपार।
भारतवर्ष त्योहारों का देश है जहां हर त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है किंतु दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जो अकेले का त्यौहार नहीं है यह एक सामुदायिक त्यौहार है। दिवाली यह भी कहती है कि दयालु बने। घर में सिर्फ अच्छा खाना बनाना मिठाई बांटने से ही त्यौहार नहीं बनता है दिवाली है आपके दिल का भाव केवल गुड के एक टुकड़े से भी पूजा कर सकते हैं सरल तरीके से भी पूजा की जा सकती है अगर मन का भाव आपका अच्छा है। अगर दिल में किसी के प्रति बैर है तो घर के साथ-साथ दिल की भी सफाई जरूरी है तभी मां लक्ष्मी की कृपा आपके घर पर बरसेगी।
31 को दीपावली पूजन करना होगा ज्यादा शुभ
2024 दिवाली की दिवाली को लेकर लोगों के मनों में दुविधा हैं की दीपावली महापर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाए या एक नवंबर हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर पूरे देश भर में दिवाली का पर बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह सत्य है की उड़िया तिथि अमावस्या की 1 नवंबर को है किंतु दीपावली पर की पूजा हमेशा प्रदोष का या रात्रि में की जाती है और अमावस्या तिथि 1 नवंबर को सायं काल ही समाप्त हो जाएगी इसीलिए दीपावली की पूजा 2024 में 31 अक्टूबर को ही किया जाएगा और यह पर्व मनाया जाएगा।
ये रहेगा शुभ मर्हूत
धनतेरस से दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है और फिर इसके बाद नरक चतुर्दशी फिर दिवाली फिर गोवर्धन पूजा और आखिरी दिन भाई दूज का त्यौहार आता है। दिवाली पर लक्ष्मी गणेश पूजन का काफी महत्व है 2024 31 तारीख बृहस्पतिवार के दिन दीपावली के पूजन का शुभ मुहूर्त 31 तारीख की शाम 6ः15 से 18ः15 तक रहेगा दूसरा शुभ मुहूर्त अर्धरात्रि 12ः45 सुबह से 2ः45 सुबह तक रहेगा। अतः दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को बनाया जाएगा।
ऐसे करें पूजा
अपने घर के मुख्य द्वार पर तोरण अवश्य लगे और यह तोरण आम के पत्ते या अशोक के पत्तों का होना चाहिए। पूजा में गुलाब का इत्र या गुलाब की धूप बाती अवश्य प्रयोग में लाएं।आसन में लाल कपड़ा बिछाए मां लक्ष्मी और गणेश जी की स्थापना करें उनके पीछे एक उल्लू की तस्वीर अवश्य रखें एक तीन पांच या सात या 11 गोमती चक्र और कुछ कोरिया रखें साबुत धनिया का बीज पीले कपड़े में रखें पूजा के बाद इस धनिया का इस्तेमाल आप कर सकते हैं एक कटोरी में पांच सबूत डाल रखें आरती में दो लौंग और एक कपूर रखें मां को मिष्ठान फल फूल चढ़ाएं गोमती चक्र और कौड़ी अर्पित करें साबुत हल्दी अर्पित करें अगर आपके पास गोमती चक्र और कौड़ी नहीं है तो आप पिछले साल रखी हुई गोमती चक्र और कौड़ी का प्रयोग कर सकते हैं अगर वह भी उपलब्ध नहीं है आप भारत देश से बाहर हैं अभी तो जिस देश में है उसे देश का सबसे छोटा सिक्का 11 की संख्या मिले आरती के प्लेट में उसे रखें अगले दिन उसे पीले कपड़े में 11 सिक्का और दाल डालकर और अपनी मनोकामना जो आपने धनतेरस वाले दिन मां लक्ष्मी के समक्ष रखी है उसे कागज को उसे पीले कपड़े में रखकर तिजोरी में रख दे अगर धनतेरस वाले दिन आपने मनोकामना नहीं लिखी है तो लक्ष्मी पूजन के दौरान भी कामना लिखकर रख सकते हैं और अगले दिन उसे पीले कपड़े और दाल के साथ बांधकर अपनी तिजोरी में रख दे । दो झाड़ू अवश्य लाएं और उसे पर मौली बाधे और टीका करें और दिवाली के दूसरे दिन से उसे प्रयोग में लाएं। गणेश जी और लक्ष्मी जी के साथ मां सरस्वती जी की भी पूजा बहुतआवश्यक होती है पूजा में सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा और मंत्र उच्चारण करें उसके बाद लक्ष्मी जी की पूजा और सरस्वती जी की पूजा करें। आज कनकधारा स्तोत्र या मां लक्ष्मी के श्री सूक्त का भी पाठ करें। समाप्त होने के बाद हाथ जोड़कर माता के सामने यह प्रार्थना करें कि अगर पूजा में कोई भूल हो गई हो तो हमें माफ करें। मां लक्ष्मी के साथ भू देवी की भी पूजा करनी बहुत आवश्यक होती है क्योंकि मां लक्ष्मी चंचल होती हैं भूदेवी लक्ष्मी को आपके घर में स्थिर रखती है आपका निवेश सही जगह पर हो उसका ज्ञान देती हैं। हमारे खजाने के जो रक्षक होते हैं कुबेर भगवान उनकी भी पूजा करनी चाहिए अतः भू देवी की, और कुबेर जी की भी एक-एक माला का जाप अवश्य करें। 31 तारीख दीपावली के रात तिल के तेल से दीपक जलाएं। घी के दीपक जलाने से समृद्धि आरोग्य और शांति की प्राप्ति होती है, तिल के तेल का दीपक जलाने से बुरी शक्ति और शत्रु से रक्षा होती है, सरसों के तेल से दीपक जलाने से घर में तंत्र-मंत्र का असर नहीं पड़ता है।
कैसे बनाए दीपक बाती
दीपक की बाती ऐसी जलाएं की बाती का मुख ऊपर की तरफ हो ऐसा करने से धन में लगातार बढ़ोतरी होती है।अगर संभव हो तो 1 तारीख की सुबह 3 से 4 बजे के बीच थोड़ा सा तिल का तेल अपने हाथों में पैरों में लगाकर स्नान करें ऐसा करने से अगली दीपावली तक आपकी धन की स्थिति में बढ़ोतरी होगी।
यह साल है शनि का यानी कि आठ नंबर और दूसरों के भी आठ रूप होते हैं अतः इस साल पूजा में आठ चीज अवश्य रखें कमल, कलम, सोने और चांदी के सिक्के,₹500 का नोट, गाय का घी, अनार, कमल गट्टा और कोड़ी, एवं साबुत धनिया। यह मां के आठ स्वरूप अष्ट लक्ष्मी के प्रतीक है अतः इस पूजा में अवश्य रखें।
पूजन सामग्री में कुछ भूज जाने पर न लाएं भ्रम, खुशी से करें पूजा
पूजा में अगर कोई सामग्री रह जाती है तो किसी भी प्रकार का वहम न लाएं शुद्ध मन से शुद्ध भाव से पूजा करें भगवान भाव के भूखे होते हैं अगर सच्चे हृदय से पूजा की गई हो तो वह पूजा सफल मानी जाती है।
आज दिवाली बहुत धूमधाम से मनाई किंतु साथ ही साथ किसी एक व्यक्ति के चेहरे पर आपके कारण मुस्कान आए उसके घर में दीपक की रोशनी हूं मुंह मीठा हो इसका अवश्य ध्यान रखें। किसी दुखी इंसान के अंधेरे जीवन में आप अपनी मदद के एक दीपक से रोशनी कर सकते हैं।
दिवाली की इस मंगल अवसर पर आप सभी की मनोकामना पूरी हो खुशियां आपके कदम चूमे मां लक्ष्मी की कृपा आपके परिवार पर बरसे धनवंतरी देव आपकी काया को निरोगी रखें इसी शुभकामना के साथ
Comments
Post a Comment