पैसों के लालच में पड़ौस की चचेरी दादी और दादी के भाई ने ले ली मासूम मयंक की जान

 


आगरा। एक कहावत तो सभी ने सुनी होगी बाप बड़ा न भईया सबसे बड़ा रूपईया ये कहावत बिल्कुल ठीक बैठती है क्योंकि आज इंसान पैसों के लालच में सभी रिश्ते नातों को भूलता जा रहा है। यूपी आगरा के बरहन से एक सनसनीखेज वारदात का पुलिस ने खुलासा किया है। जिसमें घर के बाहर खेल रहे 5 साल के मासूम बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या कर शव को सड़क पर फेंक दिया गया। और आपको जानकर हैरानी होगी की ये कृत करने वाली कोई और नहीं वह शख्स थी जिसे वह मासूम दादी कहकर बुलाता था। 


बताते चलें कि बरहन में घर के बाहर खेल रहे 5 साल के मंयक उर्फ मुन्नू का अपहरण पड़ौस में रहने वाली दादी कल्पना (मृतक के पिता की चाची) ने अपने भाई ललित के साथ किया और बाद मंे मासूम की हत्या कर उसके शव को फेंक दिया गया। इस कार्य में महिला के भाई ललित ने उसका साथ दिया। मिली जानकारी के अनुसार मंयक अपने घर के बाहर खेल रहा था फिर मौके देखकर पड़ौस की दादी यानि की कल्पना ने मयंक को बुलाया और दुलारते हुए पानी में मिलाई हुई नींद की गोलियों वाला पानी उसे पिला दिया। जिससे मयंक मौके पर ही बेहोश हो गया। फिर बोरी में भरकर उसका भाई उसे वहां से लेकर चला गया। जिसके बाद उसे काफी समय तक होश नहीं आया और पकड़े जाने के डर से उसे सहपऊ रजवाहा मंे जिंदा फेंक कर चला गया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। छानबीन के बाद मिले सबूतों और सीसीटीवी के फुटेज के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

बरहन थाना क्षेत्र के अमनाबाद निवासी संजय कुमार का 5 साल का बेटा मयंक उर्फ मुन्नू 14 सितंबर शनिवार की शाम को अचानक घर से बाहर खेलते हुए लापता हो गया था। घंटों ढूढंने के बाद परिजनों ने पुलिस को मुन्नू के न मिलने की सूचना पुलिस को दी। जिसक बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने मुन्नू की तलाश शुरु कर दी। सोमवार को बच्चे का शव बोरे में  सहपऊ रजवाह में मिला था। बच्चे का एक कान कटा हुआ था। चेहरे पर भी चोट के निशान थे।

एसीपी पीयूष कांत ने बताया कि हत्या के बाद खुलासे के लिए कई टीमों को लगाया गया था। गांव में पूछताछ पर पता चला कि हाथरस सहपउ निवासी ललित अपनी बहन कल्पना के यहां पर आया था। बच्चे के अपहरण की घटना के बाद से किसी ने उसे गांव में भी नहीं देखा था। ऐसे में पुलिस टीम ने उसके बारे में जानकारी जुटाई। सीसीटीवी देखे तो वो बाइक पर एक बोरा ले जाते दिखा। उसको हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। उसने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया। अलग-अलग कहानी बताई। मगर, उसकी लोकेशन गांव की मिल रही थी। जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने सच्चाई बता दी कि मुन्नू के दादा को रिटायरमेंट में मिले पैसे की जानकारी होने पर दोनों ने यह साजिश रची थी। 



मिलाई थी 10 गालियां, पैसा मिलने पर आपस में बाँट लेते पैसा 

दादी कल्पना ने मुन्नू को बेहोश करने क लिए पानी के गिलाश में मिलाई थीं 10 नींद की गालियां जिससे वह जल्दी बेहोश हो जाए और भाई ललित को ले जाने में कोई दिक्कत न हो। लेकिन काफी समय के बाद जब मुन्नू को होश नहीं आया तो ललित घबरा गया और पकडे जाने के डर से उसे बाइके से सहपऊ के रजवाहा मेे फेंककर भाग गया। 

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