हर गम को है भुलाया जब से छवि निहारी, शरण में रखना भोले भंडारी.....


आगरा: बल्केश्वरनाथ महादेव मंदिर परिसर में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के सप्तम दिवस पर राष्ट्रीय संत अरविंद जी महाराज ने शिव महिमा का गान करते हुए कहा कि हर गम को है भुलाया जब से छवि निहारी, शरण में रखना भोले भंडारी.....इस प्रकार जीवन में आपका व्यवहार, प्रेम, वात्सल्यता, धर्म, कर्म ही जीवन को सम्पूर्ण करेगा। कोई व्यक्ति अगर आपको शिवालय जाने, शिव तत्व अर्पित करने, भक्ति भजन हेतु प्रेरित करता है तो समझिए भगवान शिव की इच्छा से प्रेरणा प्राप्त हो रही है।


कथा व्यास कहते है जब भगवान श्री विष्णु का मोहिनी रूप देखकर शिवजी आकर्षित हो गए और उनका तेजपात हो गया जिसको सप्तऋषियों ने मिलकर वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया। इस तरह माता अंजना के गर्भ से वानर रूप में शिव के 11वे रूद्र हनुमानजी महाराज का प्रकटोत्सव हुआ।


कथा व्यास ने अंतिम सत्र में द्वादश ज्योतिर्लिंगों की कथा का रसपान कराते हुए कहा कि जो भी मनुष्य अपने जीवन में इन द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन करता है। साक्षात भगवान शिव के धाम में रहने का उसको फल प्राप्त होता है 12 ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का ही स्वरूप है।  कहा कि जिस व्यक्ति का देहांत काशी क्षेत्र में हो जाए वह साक्षात भगवान शिव के धाम को जाता है। चाहे वह कितना भी पापी हो। इस अवसर पर महंत सुनील नागर, महंत कपिल नागर, अर्चित पंड्या, आरुषि पंड्या, सुगंधा नागर, वैभवी पण्ड्या, भोलेनाथ अग्रवाल, मधु बघेल, प्रीति उपाध्याय, वर्षा, निर्मल बन्ना, संतोष मित्तल, कुमकुम उपाध्याय एवं बल्केश्वरनाथ भक्त मंडल उपस्थित रहा।।


Comments