महादेव की आराधना ही उन्नति का सर्वोत्तम मार्ग

 






- पावन श्रावण माह में बल्केश्वर महादेव मंदिर परिसर में बह रही शिव भक्ति धारा

आगरा:- श्रावण मास के पावन दिनों में बल्केश्वरनाथ महादेव मंदिर परिसर में आयोजित शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन राष्ट्रीय संत अरविंद जी महाराज  ने नारद मोह और उनकी भक्ति का वर्णन किया। कहा कि महादेव ने जिस स्थान पर कामदेव को भस्म किया उसी स्थान पर नारद तप करने लगे। तप से कामदेव के भयभीत होने पर नारद को अभिमान हो गया कि उन्होंने काम पर विजय प्राप्त कर ली। भगवान विष्णु ने माया के द्वारा विश्व मोहिनी स्वयंवर में नारद को आसक्त देखकर वानर रूप दे दिया। जिससे कुपित होकर उन्होंने विष्णु जी को शाप दिया। विष्णु अवतार भगवार राम को सीता वियोग में वानरों व भालुओं संग 14 वर्ष का जीवन यापन करना पड़ा। महाराज ने बताया कि मानव जीवन के कल्याण के लिए पुराण में नारद भक्ति क्रमश: श्रवण, कीर्तन, स्मरण, वंदना, पूजन और आत्म निवेदन का मार्ग है। उन्होंने बताया कि शिव भक्ति से जीवन में यश, बल, बुद्धि, विद्या और दीर्घ आयु के साथ ही सुख समृद्धि भी प्राप्ति होती है।

राष्ट्र संत ने बताया की पुराणों के अनुसार 5 महापाप हैं, जिसमें बाल हत्या, परस्त्री का संग, स्वर्ण की चोरी, घर में आग लगाना और विश्वासघात करना। उन्होंने कहा कि इन पांचो पाप किये हुए व्यक्ति के यहाँ जल पीना पर भी महापाप लगता हैं। लेकिन निर्मल हृदय एवं श्रद्धा भाव से शिवलिंग के दर्शन से महापाप से मुक्ति मिलती हैं।

इस मौके पर अभिषेक (भैया जी), कपिल नागर, सुमन्त नागर, सुरेश मेहता, हरेश चंद, मोहित अग्रवाल उपस्थित रहे।। 

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