बॉलीवुड फिल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर मथुरा के सर्राफा करोबार के घर पहुंचे फर्जी ईडी के अधिकारी, कारोबारी की सजगता से बची बड़ी अनहोनी

 


मथुरा। बीते दिन यानी की शुक्रवार को यूपी के जनपद मथुरा में पिछले कुछ सालों पहले रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर कुछ लोगों ने सराफा कारोबारी के घर पर दबिश दी। लेकिन कारोबारी की सर्तकता से वारदात को अंजाम देने में असमर्थ रहे शातिर लुटेरे। 

अपको बताते चलें कि शुक्रवार को मथुरा के प्रमुख सराफा कारोबारी के घर सुबह अचानक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी बनकर आए चार शातिरों दबिश के नाम पर लूट की कोशिश की। वारदात को अंजाम देने का तरीका वैसा ही था जैस की फिल्म में दिखाया गया था। इनके पास फर्जी सर्च वारंट था। एक महिला कांस्टेबल, एक पुलिस अधिकारी (दोनों फर्जी) साथ दे। लेकिन तरीका वहीं था जैसा एक ईडी अधिकारी का होना चाहिए, उन्होंने कारोबारी को हड़काया, मोबाइल कब्जे में लेकर घर में तलाशी की कोशिश की। लेकिन फिर भी हिम्मत दिखाते हुए कारोबारी ने पुलिस बनकर आए व्यक्ति से पूछा की किस थाने से हो तो उसने गोविंद पुराम थाना बोला जिसके बाद कारोबारी को उस पर शक हो गया क्योंकि मथुरा में गोविंद पुरम नाम से कोई थाना नहीं है फिल्हाल जो थाना है वह गोविंद नगर थाना है। जिसके बाद नजर छुपाते ही कारोबारी उनके चंगुल से छूटकर पड़ोस में रह रहे महापौर के घर पहुंचा और पूरी घटना बताई। इतने में आसपास के लोग दौड़े तो शातिर कारोबारी का फोन छीनकर भाग निकले। कारोबारी ने गोविंद नगर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के जरिए उनकी तलाश कर रही है। फोन की लोकेशन जैंत थाना क्षेत्र में आ रही है, मगर अब तक बरामद नहीं हो सका है।


शहर की पाश कालोनी राधा आर्चिड निवासी अश्वनी कुमार अग्रवाल की कच्ची सड़क लाल दरवाजा पर सराफा की दुकान है। सुबह 6.20 बजे अश्वनी बच्चों को स्कूल भेजने की तैयारी कर रहे थे, तभी स्विफ्ट डिजायर कार उनके घर के पास आकर रुकी। इसमें से चार लोग बाहर निकले। इनमें एक महिला, तीन पुरुष थे। एक व्यक्ति दारोगा की वर्दी पहने था। सभी अश्वनी अग्रवाल के घर पहुंचे। कारोबारी के घर का मुख्य द्वार खुला था। पत्नी घर के बाहर निकलीं तो कार सवारों ने कारोबारी अश्वनी को बाहर बुलाने को कहा, जिसके बाद अश्वनी बाहर आए तो उन्होंने खुद को ईडी का अधिकारी बताते हुए सर्च वारंट दिखाया ओर वारदात को अंजाम देने के लिए घर में जा घुसे। इसके बाद करोबारी ने साथ मौजदू इंसपेक्टर से पूछा की वो किस थाने से है तो उसने गोविन्दपुरम थाना बताया जिसके बाद अश्वनी को शक हुआ और मौका पाते ही वह बाहर निकला और हल्ला मचाते हुए पड़ौसी महापौर विनोद अग्रवाल की घर पहुंचे और घटना की जारकारी दी। इसके बाद धीरे धीरे भीड़ इकट्ठा हो गई और फिर खुद को घिरता देख कार सवार जल्दी से कार में बैठे और भाग गए। महापौर की सूचना पर एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय कारोबारी के घर पहुंचे। पुलिस ने वाहन नंबर सर्च किया तो वह फर्जी निकला। गोविंदनगर थाना पुलिस से जानकारी की तो पता चला कि कोई भी पुलिसकर्मी किसी टीम के साथ नहीं गया है। एसएसपी ने बताया सीसीटीवी फुटेज से लोगों की पहचान की जा रही है। गोविंद थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच चल रही है। 


गाडी पर था फर्जी नम्बर प्लेट

वारदात के लिए जिस कार का उपयोग किया था उस पर जो नंबर था वह भी फर्जी था। नम्बर की जानकारी होने पर पता चला कि डीएल 12 सीजे - 6024 नंबर पर स्कार्पियो दर्ज है, जिसके मालिक का नाम मोहम्मद तइयब हसन निवासी दिल्ली है। वहीं आसपास के लोगों की मानें तो टीम के साथ एक गाड़ी और थी लेकिन, वह किस वक्त गई नहीं देख पाए। 

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