IVF सेन्टर चेन ’सीड्स ऑफ इनोसेंस’ ने आगरा में अत्याधुनिक आईवीएफ, आनुवंशिक टेस्टिंग और भ्रूण चिकित्सा फैसिलिटी कि की शुरुआत

 



- आईवीएफ सेन्टर में एक समर्पित जेनेटिक टेस्टिंग (आनुवंशिक परीक्षण) और भ्रूण चिकित्सा विभाग है, जो बहुत ही यूनीक है।

- सीड्स ऑफ इनोसेंस पूरे भारत में 20 से ज्यादा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर का संचालन कर रहा है।


आगरा। शुक्रवार को आगरा के संजय प्लेस में सीड्स ऑफ इनोसेंस का फर्टिलिटी सेन्टर दूरदर्शी और प्रसिद्ध आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ गौरी अगर्वाल के दिशानिर्देश में स्थापित किया गया है। वह सीड्स ऑफ इनोसेंस की सह-संस्थापक भी हैं। यह फर्टिलिटी सेंटर अत्याधुनिक तकनीक के साथ-साथ विशेषज्ञों की एक मल्टी- डिस्प्लीनरी टीम से लैस है। इस सेन्टर में भ्रूण चिकित्सा और आनुवंशिक परीक्षण की सुविधा भी शामिल है। आगरा में शुरू की गई यह नई फैसिलिटी इस क्षेत्र में बांझपन इलाज के एक समर्पित फैसलिटी, उपचारक और काउंसलर के रूप में कार्य करने के लिए तैयार है।

सेंटर का उद्घाटन केन्द्रीय राज्य मंत्री मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज प्रो. एस पी सिंह बघेल ने किया। इस दौरान यशोदा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, दिल्ली-एनसीआर के चेयरमैन डॉ दिनेश अरोड़ा, यशोदा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, दिल्ली-एनसीआर के ग्रुप डॉयरेक्टर डॉ शशि अरोड़ा, यशोदा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, दिल्ली-एनसीआर के ग्रुप डॉयरेक्टर डॉ रजत अरोड़ा और सीड्स ऑफ इनोसेंस तथा जेनेस्ट्रिंग डायग्नोस्टिक सेंटर की को- फाउंडर और डायरेक्टर डॉ गौरी अगर्वाल उपस्थित थी ।

इस दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए श्री बघेल ने बांझपान और इसके इलाज के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सीड्स ऑफ इनोसेंस की सराहना करते हुए कहा, “यह नया सेन्टर सामान्य रूप से बांझपन की चिंताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा। मुझे विश्वास है कि डॉ. गौरी की देखरेख में सीड्स ऑफ इनोसेंस राज्य में शानदार काम करेगा।“

डॉ गौरी अगर्वाल ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, “ भारत की कुल प्रजनन दर में गिरावट आई है, इसलिए बांझपन, इसके कारणों और इलाजों के बारे में जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण हो गया है। चिकित्सा के क्षेत्र में रिसर्च और टेक्नोलाजी में कई अविष्कार हो रहे हैं। इन अविष्कारों से हमारे देश को लाभ पहुंच सकता है। आज हम सिलोस में आईवीएफ से संपर्क नहीं कर सकते हैं और इसके बजाय एक मल्टी-डिस्प्लीनरी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। आनुवंशिक टेस्टिंग फैसलिटी की जरुरत के अलावा हमने एक भ्रूण कल्याण कार्यक्रम भी शुरू किया है, जो एडवांस आईवीएफ सॉल्यूशन ऑफर करने वाला एक व्यापक सेंटर बन रहा है। सेंटर यूनीक अल्ट्रासाउंड सेवाएं प्रदान करेगा जैसे कि भ्रूण डॉपलर स्कैन और नॉन-स्ट्रेस टेस्ट, भ्रूण इकोकार्डियोग्राफी, और अन्य आनुवंशिक असामान्यताओं और भ्रूण में अनियमित खून का प्रवाह और प्रतिबंधित भ्रूण वृद्धि जैसी सामान्य चिंताओं के खतरे को खत्म करने में मदद करेगा।“

यशोदा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, दिल्ली-एनसीआर के ग्रुप डॉयरेक्टर डॉ रजत अरोड़ा ने इस बाबत अपनी राय देते हुए कहा, “सीड्स ऑफ इनोसेंस, नेहरू नगर, गाजियाबाद में स्थित यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ग्रुप की एक शाखा है। इसका उद्देश्य कई तरह के प्रजनन इलाज उपलब्ध कराने के अलावा ज्यादा खतरे वाली गर्भावस्था का अच्छे से देखभाल प्रदान करना है। 2017 में यह देश का पहला आईवीएफ सेंटर था जिसमें इन-हाउस जेनेटिक टेस्टिंग परीक्षण लेबोरेटरी थी। मुझे विश्वास है कि आगरा का यह सेंटर सभी प्रका के बांझपन और खतरे वाले गर्भधारण को संभालने के लिए बेहतर संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा, जिसमें अंडरलाइंग बीमारी, पहले हो चुकी खराब गर्भावस्था या संदिग्ध या ज्ञात भ्रूण संबंधी कठिनाइयाँ को हल किया जायेगा। नया सेंटर आगरा राज्य के टियर 2 और टियर 3 शहरों को बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करते हुए पूर्वी क्षेत्र में गहरी पैठ बनाने के लिए प्रयासरत रहेगा।“

आगरा का यह सेंटर इस राज्य में पांचवी ऐसी फैसलिटी है। आगरा के अलावा गाजियाबाद, मेरठ, लखनऊ और गोरखपुर में सेंटर पहले से चल रहा है। वर्तमान में देश भर में ऐसे 20 से ज्यादा ऐसे सेंटर सीड्स ऑफ़ इन्नोसेंस द्वारा चलाये जाते हैं।

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