आगरा में हुआ काल कोठरी नाटक का मंचन, लोगों ने जाना एक कलाकार के जीवन की स्थिति और परिस्थितियां



आगरा। ताजनगरी में रंगमंच को जीवंत रखते हुए रविवार को भरत काव्यम् सांस्कृतिक संस्थान द्वारा स्वदेश दीपक द्वारा लिखित नाटक काल कोठरी का मंचन सूरसदन प्रेक्षागृह में किया गया। नाटक काल कोठरी कला और कलाकार के जीवन पर आधारित नाटक है। यह नाटक रंगमंच के उस हिस्से पर प्रकाश डालता है जहां रंगमंच गैर अर्थवादी होने के कारण रंगमंच के कलाकार के व्यक्तिगत जीवन की परेशानियों को उजागर करता है। साथ ही वह कलाकार एवं लेखक जो अपने आदर्शों के पथ पर चलते हुए समाज को एक सही दिशा दिखाने का प्रयास तो करते हैं परंतु उन्हें समय के साथ यह एहसास होता है कि आदर्श की बाते आज के ज़माने में कोई अर्थ नहीं रखती। लेकिन आदर्श के पथ पर चलते हुए जीवन की वह समस्या जो केवल कलाकार के ही नहीं आम व्यक्ति के जीवन में भी प्रभाव डालती है। 

नाटक समाज को यह सीख भी देता है कि जीवन के पथ पर चलते हुए समस्या हर किसी के जीवन में आती है लेकिन हमें उन समस्याओं से डरना नहीं चाइए बल्कि रामायण के किरदार अंगद की तरह अपने पैरों के बल पर खड़ा हो उनसे लड़ना चाइए । 

रजत की मुख्य भूमिका में हर्ष महेरे पत्नी मीना की भूमिका मन्नू शर्मा ने अपने अभिनय से तालियाँ बटोरी । अन्य भूमिका में जया सिंह, आकाश कुमार, तुषार शर्मा, मोहित दिवाकर, रुद्र चौहान, विजय प्रताप सिंह यादव, कनिष्क चौधरी, इब्राहिम, रवि सूर्यवंशी, मिनी कुलश्रेष्ठ, आयुष कुमार आदि नवोदित युवा कलाकारों ने अपने संवाद से दर्शकों का दिल जीत लिया। प्रकाश परिकल्पना प्रियंक कठेरिया, सहायक रंजीत गुप्ता की रही । 

संगीत संचालन मुदित शर्मा व इस नाट्य प्रस्तुति का निर्देशन मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय से स्नातक युवा रंगकर्मी हर्ष महेरे ने किया। मंच संचालन राहुल अचलेश गुप्ता ने किया। इस दौरान शहर के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।


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