आने वाला समय साहित्य के लिए स्वर्णिम युग होगा : डॉ. बुद्धि नाथ मिश्र

 


- साहित्योदय का एक और विश्वकीर्तिमान: 24 घण्टे तक शिवायन अखंड काव्यार्चन

- आगरा से कवि संजय गुप्त सहित देश विदेश से सैंकड़ों रचनाकारों ने किया ऑनलाइन अखंड काव्यपाठ


आगरा। प्रख्यात गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा है कि वर्तमान समय में जन सामान्य को सनातन ग्रन्थों से जोड़ने का अभूतपूर्व कार्य चल रहा है, जो आने वाले साहित्य के लिए स्वर्णिम युग होगा। 

डॉ. मिश्र अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास साहित्योदय द्वारा आयोजित ऑनलाइन ‘शिवायन अखंड काव्यार्चन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। साहित्योदय ने एक और विश्वकीर्तिमान स्थापित कर 24 घण्टे तक देवाधिदेव महादेव को समर्पित मौलिक रचनाओं की प्रस्तुति का ‘शिवायन अखण्ड काव्यार्चन’ का आयोजन किया, जिसमें देश विदेश के दो सौ से अधिक रचनाकारों ने सहभागिता की। 

अखंड काव्यार्चन रविवार 3 मार्च को प्रातः 9 बजे प्रारम्भ हुआ और 24 सत्रों में अनवरत चलते हुए सोमवार 4 मार्च को प्रातः 9 बजे के बाद समापन हुआ। साहित्योदय की व्यवस्थापक किशोरी भूषण की सरस्वती वंदना और शिव स्तुति से सत्र की शुरुआत हुई।

संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम ने बताया कि जन रामायण और कृष्णायन के बाद शिवायन का यह प्रकल्प सबके सहयोग से ही सम्भव हो रहा है। 

24 सञ्चालक, 8 संयोजक और 4 मॉनिटर द्वारा संचालित इस धर्म आध्यात्म और संस्कृति पर आधारित इस अनूठे आयोजन में प्रख्यात कवि बेबाक जौनपुरी, अजय अंजाम सहित सैकड़ों लब्धप्रतिष्ठ रचनाकार ऑनलाइन जुड़े। आगरा से संजय गुप्त ने चौबीसवें सत्र में सहभागिता की। शिवपुराण के प्रसंगों पर आधारित रचनाओं के संग्रह ‘शिवायन’ ग्रँथ का विमोचन ऋषिकेश में प्रस्तावित भव्य साहित्य महोत्सव में किया जाएगा।

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