सोमवार सुबह बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने अपनी मां के साथ किया ताज का दीदार, पर्यटक सेल्फी खींचाने के लिए दिखे आतुर


Agra. मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार करने के लिए देश की जाने-माने बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल आज आगरा पहुंची थी। सुबह लगभग 9:30 बजे वह अपनी मां के साथ ताजमहल पहुंची। उनके ताजमहल भ्रमण को लेकर पुलिस व प्रशासन भी सतर्क भी नजर आया। पुलिस सुरक्षा में साइना नेहवाल ने मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार किया। साइना ने बताया कि वह 10 वर्ष पूर्व अपने पिता हरवीर सिंह नेहवाल के साथ ताजमहल देखने आई थीं और आज वह अपनी मां के साथ आई हैं। 

देश की जानी मानी बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल आज अपनी मां के साथ मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार करने के लिए पहुंची थी। उन्होंने अपनी मां के साथ ताजमहल का दीदार किया। ताजमहल को नजदीक से देखकर वह भी काफी उत्साहित नजर आई साथ ही ताजमहल के इतिहास और वास्तुकला की जानकारी लेने में दिलचस्पी दिखाई उन्होंने गाइड से पूरे ताजमहल के इतिहास की जानकारी ली।

इस दौरान इन पलों को कैद करने के लिए उन्होंने अपनी मां के साथ फोटो सेशन भी कराया साथ ही अपने मोबाइल और कमरे में इन पलों को कैद किया। इस दौरान साइना नेहवाल को देखकर पर्यटक भी काफी उत्साहित नजर आई। काफी पर्यटक तो ताजमहल को छोड़ साइना नेहवाल को देखने लगे और उनके साथ एक सेल्फी के लिए आतुर नजर आए। इस दौरान साइना नेहवाल ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन भी किया।

मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार करने के बाद साइना नेहवाल भी अपने आप को वाह ताज कहने से नहीं रोक सके। लगभग 1 घंटा उन्होंने ताजमहल में बिताया इस दौरान सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे।

साइना की मां उषा ने कहा कि मुगल शहंशाहों में शाहजहां सबसे अच्छा था, उसने अपनी बेगम की याद में इतना सुंदर स्मारक बनवाया। साइना करीब 1 घन्टे तक ताजमहल में रुकीं। साइना नेहवाल ने बताया कि 2021 में वह आगरा में पति पारुपल्ली कश्यप के साथ आई थीं। तब यहां तीन दिन रुकी थीं और सभी स्मारक देखे थे। उनके घर में एक डाग है, जिसे अकेला नहीं छोड़ सकते हैं। इसलिए पहले वह अपनी मां को ताजमहल दिखाने नहीं ला सकी थीं। लेकिन आज उन्होंने अपनी मां को ताज का दीदार कराया है। इसके बाद वह सड़क मार्ग से दिल्ली रवाना हो गईं। 

साइना अब तक कई बड़ी उपलब्धियाँ अपने नाम कर चुकी हैं। वे विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन विजेता रह चुकी हैं। ओलिम्पिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन का काँस्य पदक जीतने वाली वे देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं। उन्‍होंने 2006 में एशि‍याई सैटलाइट प्रतियोगिता भी जीती है।

उन्होंने 2009 में इंडोनेशिया ओपन जीतते हुए सुपर सीरीज़ बैडमिंटन प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया, यह उपलब्धि उनसे पहले किसी अन्य भारतीय महिला को हासिल नहीं हुई थी। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया।

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