एस. एन. मेडिकल कॉलेज के गेस्टरोंसर्जरी विभाग में हुई 5 घंटे की जटिल सर्जरी

 

◆ एस. एन.  मेडिकल कॉलेज के गेस्टरोंसर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने की सफल सर्जरी  

◆ पैनक्रियाज  में स्टोन के कारण 15 साल से मरीज के पेट में दर्द था। 5 घंटे की जटिल सर्जरी में नली पूरी खोल कर स्टोन निकाला गया । आंत से रु-एन-वाए लूप बनाया। पैनक्रियाज की नली से जोड़ा गया

आगरा। एस. एन . मेडिकल कॉलेज के गेस्टरोंसर्जरी विभाग में क्रोनिक पैनक्रिएटाइसिस का ऑपरेशन कर 60 वर्षीय एवं 65 वर्षीय मरीज को पेट के दर्द में राहत दी गई।

ऑपरेशन डा. विजय कुमार सैनी व डा. चंदन चटर्जी द्वारा लेजर ऑपरेशन कक्ष  में किया गया। 

डा. विजय कुमार सैनी, सहायक आचार्य गस्टरोंसर्जरी ने बताया किे पहला मरीज गोरखपुर निवासी 15 साल से और दूसरा मरीज आगरा निवासी 13 साल से पेट दर्द की शिकायत की शिकायत लेकर ओ. पी. डी.  में आए ।  

मरीज  की सी. टी. स्कैन रिपोर्ट  में पैनक्रियाज मे स्टोन होने का पता चला, साथ ही पैनक्रियाज की डक्ट डाईलेटिड थी। मरीज के पैनक्रियाज मे स्टेंट भी कराया गया था लेकिन कोई आराम नहीं मिला । 

मरीज का ऑपरेशन करना तय किया गया । मरीज को शुगर भी थी, इसलिए पहले शुगर कंट्रोल की गई । इसके बाद ऑपरेशन किया गया । अब  मरीज पूरी तरह से  स्वस्थ और दर्द ठीक हो गया है। 

डॉ प्रशांत लवानिया, विभागाध्यक्ष सर्जरी एवं यूरोलॉजिस्ट ने बताया किे ऐसे ऑपरेशन प्राइवेट मे सामान्यतः लाखों मे होता है, लेकिन एस. एन.  मेडिकल कॉलेज में निशुल्क किया गया।

डा. विजय कुमार सैनी ने बताया की पैनक्रियाज मे ग्रन्थि के पास कई खून के नलिया होने से रक्तचाप के आशंका थी। सूक्ष्म विच्छेदन कर पैनक्रियाज मे नली खोलकर अंदर की पथरी निकाली  गई। आंत को काट कर रु-एन-वाए लूप बनाया गया।  इसमे एक आंत का टुकड़ा पैनक्रियाज की नली मे जोड़ा गया। 

ऑपरेशन में डॉ निेतिका, डॉ लवप्रिया, डॉ दीपक, एनएसथेसिया विभाग एवं डॉ निलांसा, डॉ रेनू ने सहयोग किया। डॉ हरिसिंह रेडियोडाइगनोस्टिक विभागाध्यक्ष का भी मरीज की जाँचों में सहयोग रहा।  

क्या है क्रोनिक पैनक्रिएटाइसिस..?

डा. विजय कुमार सैनी ने बताया बताया  कि इस रोग  में मरीजों  में इन्सुलिन व खाना पचाने का एनजाइम बनाने वाली अग्न्याशय (पैनक्रियाज) ग्रन्थि  की नली  में रुकावट  से ग्रन्थि स्वत: नष्ट होने लगती है।   रक्त में इन्सुलिन की कमी से शुगर हो जाता है।  खाना न पचने के कारण वज़न कम होने लगता है, साथ ही साथ अत्यधिक दर्द की शिकायत रहती  है।  लंबे समय तक रुकावट रहने से पैनक्रियाज मे पथरी बनने लगती है। तब इसे क्रोनिक केलसिेफिक पैनक्रिएटाइसिस कहते है।  

क्या है इलाज..?

शुरुआती अवस्था  में दवाई से इलाज करते है, अगर आराम नहीं मिलता तब पैनक्रियाज की सर्जरी कर मरीज को ठीक किया जाता है।

एस. एन.  मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर प्रशांत गुप्ता ने बताया  कि मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर की टीम  द्वारा कॉलेज में सफल सर्जरी की जा  रही हैं। आगरा एवं आसपास के मरीज एस. एन. मेडिकल कॉलेज  में ऑपरेशन कराकर लाभ ले रहे हैं।

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