मेट्रो कॉरिडोर के आईएसओ 14001 एवं 45001 प्रमाणन के बाद आगरा मेट्रो के तीन ऐलिवेटिड स्टेशनों को मिली इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल से प्लैटिनम रेटिंग



आगरा। इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा आगरा मेट्रो के तीनों ऐलिवेटड स्टेशन ताज ईस्ट गेट, बसई एवं फतेहाबाद रोड को प्लैटिनम रेटिंग मिली है।

आगरा मेट्रो के ग्रीन मेट्रो के तौर पर प्रमाणन के लिए ये बड़ी उपलब्धि है. इससे पहले इसी माह अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) ने प्रथम कॉरिडोर में ताज ईस्ट गेट से आरबीएस कॉलेज मेट्रो स्टेशन तक के भाग को पर्यावरण प्रबंधन के लिए ISO 14001 और संरक्षा प्रबंधन के लिए ISO 45001 प्रमाणपत्र प्रदान किया था.

 आगरा मेट्रो कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आईजीबीसी (इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल) के पदाधिकारियों ने ग्रीन मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) श्रेणी में यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार को आधिकारिक पट्टिका एवं प्रमाण पत्र सौंपे। इस अवसर पर यूपीएमआरसी के निदेशक कार्य एंव संरचना श्री सीपी सिंह, आगरा मेट्रो के परियोजना निदेशक श्री अरविंद कुमार राय सहित वरिष्ठ अधिकारी मौदूज रहे।  

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने इस उपलब्धि को लेकर कहा कि आगरा मेट्रो का इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा प्लैटिनम रेटिंग हासिल करना यूपी मेट्रो के आगरा शहर को सार्वजनिक यातायात के ईको-फ्रेंडली एवं ऊर्जा-कुशल साधन प्रदान करने के संकल्प को प्रमाणित करता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि शहरी विकास के क्षेत्र में एक उतकृष्ठ उदाहरण है।   

उन्होंने कहा कि आईजीबीसी से मिला ये सर्टिफिकेट प्रमाणित करता है कि उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने आगरा मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर में सिविल स्ट्रक्चर और बिल्डिंग को उच्चतम मापदंडो के अधीन बनाया गया। इस प्रमाण पत्र को प्राप्त करने का मकसद सतत विकास और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर विकास के दोहरे लक्ष्यों को प्राप्त करना है। जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करना, जल संरक्षण, ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग, वर्षा जल संचयन आदि के लाभ के साथ आगरा मेट्रो के प्लेटिनम प्रमाणित स्टेशन कानपुर के लोगों को विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार हैं। 

यूपी मेट्रो द्वारा पर्यावरण को बेहतर रखने हेतु की गई पहल- 

• सौर ऊर्जा स्थापना: पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 1,000 किलोवाट सौर पीवी की स्थापना।

• हरित भूदृश्य: जैव विविधता को बढ़ाने और शहर के हरित आवरण में योगदान देने के लिए स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों में 250 से अधिक पेड़ लगाना।

• ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था: ऊर्जा की खपत को कम करने और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए 100% एलईडी लाइटों की स्थापना।

• जल संरक्षण के उपाय: अति-कुशल जल फिक्स्चर, वर्षा जल संचयन प्रणालियों और वायाडक्ट-स्तरीय वर्षा जल संग्रहण के माध्यम से 40% से अधिक पानी की बचत।

• रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली: रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली के कार्यान्वयन के माध्यम से 42.8% से अधिक ऊर्जा बचत का लक्ष्य।

• कुशल एचवीएसी सिस्टम: एचवीएसी उपकरण और सिस्टम में दक्षता में 15% से अधिक सुधार हासिल करना।

• पर्यावरण के अनुकूल अग्नि शमन प्रणालियाँ: कम या शून्य ओजोन क्षय क्षमता (ओडीपी) और ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (जीडब्ल्यूपी) वाले रेफ्रिजरेंट के साथ हेलॉन और ओजोन-क्षयकारी पदार्थों से मुक्त अग्नि शमन प्रणालियों का उपयोग करना।

आईजीबीसी किसी भी सिविल सिस्टम के निर्माण को ग्रीन सिस्टम प्रमाणित करने वालीं देश की सर्वोच्च संस्थाओं में से एक है और विभिन्न सिविल संरचनाओं को सिल्वर, गोल्ड और प्लैटिनम रेटिंग के साथ प्रमाणित करता है। आईजीबीसी द्वारा इससे पूर्व लखनऊ मेट्रो के नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर के सभी 21 स्टेशन एवं कानपुर मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर के सभी 9 को प्लैटिनम रेटिंग प्रदान की जा चुकी है।  

क्या है आईजीबीसी

आईजीबीसी 2001 में सीआईआई की एक गैर-लाभकारी संस्था है। इसका काम डेवलपमेंट के दौरान इको फ्रेंडली तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। इसके लिए ये संस्था कार्यालयों, इमारतों, कारखानों, जन रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम आदि को पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनाए तरीकों के आधार पर रेटिंग देती है।

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