मॉरीशस से आगरा पधारी प्रख्यात साहित्यकार डॉ सुरीति रघुनंदन का हुआ अभिनंदन

 


 मॉरीशस से आगरा पधारी मॉरीशस की प्रख्यात साहित्यकार एवं हिंदी सेविका डॉक्टर सुरीति रघुनंदन के अभिनंदन हेतु साहित्य संगीत संगम के तथाववधान में एक आयोजन ग्रीन हाउस आगरा पर किया गया ।इस आयोजन में अध्यक्षता प्रख्यात कवि शिवसागर जी ने की ।विशिष्ट अतिथि मुंबई से पधारी साहित्यकार श्रीमती पूजा और आगरा के प्रख्यात साहित्यकार श्री अरुण डंग।

इस आयोजन में सुरीती की पुस्तकों पर चर्चा हुई जिसमें - 

*पानी की पिंजरे*की रचनाओं पर प्रकाश डालते हुए श्री अरुण डंग ने कहा यह पुस्तक - डॉक्टर सुरीति रघुनंदन की ऐसी कलात्मक और काव्यात्मक प्रस्तुति है जिसका फलक असाधारण रूप से अतीत वर्तमान और भविष्य को पूरी संवेदनशीलता और अदम्य आशावादीता के साथ अपने में समेटे हुए हैं। उनकी रचनाओं में भारत और मारीशस के परिवेश का ताना-बाना और इन दोनों महान 

गणराज्यों की साझी संस्कृति की सोंधि खुशबू सर्वत्र मिलती है । दूसरी पुस्तक

उमर को भूल जाओ पर अपना वक्तव्य  देते हुए श्री अशोक अश्रु ने कहा यह उम्र का बढ़ना बस दस्तूर जहां है महसूस न कीजिए तो बढ़ती कहां है

उमर को भूल जाओ कविता संग्रह उन सभी के लिए  है जिनको लगता है की बढ़ती उम्र बंधन है उन्हें अब नीरस गंभीर और चुपचाप बैठकर मृत्यु की प्रतीक्षा करनी चाहिए ।बस इसी के विरोध में सुरीती ने कलम उठाई है और उसका निर्वाह किया है।

तीसरी पुस्तक चाय की चुस्कियां और तुम पर चर्चा करते हुए सुशील सरित ने कहा विविधता में अनेक रंग होते हैं और उन रंगों को कलम के द्वारा व्यक्त करने का प्रयास है ,यह काव्य संग्रह। जिसमें पुरुष विमर्श, बाल विमर्श और किन्नर के मन तक को शब्दों में बांधने का प्रयास किया गया है ।स्त्री के मन की अनेक छिपी परतों को हटाकर नई जिजीविषा की रोशनी से प्रकाशित करने की कोशिश है यह संग्रह। डॉ रमेश आनंद ने उनकी चौथी कृति पर बोलते हुए कहा

मन का राजा सुरीति की बालकों के लिए लिखी एक ऐसी पुस्तक है ,जिसमें वास्तविकता की झलकियां हैं और प्रेरणा के स्रोत हैं ।साथ ही साथ उन्हें अवसाद से निकलकर आगे बढ़ते की प्रेरणा भी दी गई है।

इस अवसर पर डॉ असीम आनंद सी वी सिंह ,राकेश निर्मल ,चंद्रशेखर शर्मा राज विजय सिंह ,दुर्ग विजय सिंह, मुक्ता सिकरवार, हरीश अग्रवाल नीलेद्र श्रीवास्तव ,सुमन शर्मा ,लक्ष्मी कुमारी ,प्रिया कुमारी ,भावना ,कल्पना और नेहा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। श्रीमती अर्चना और डॉक्टर असीम आनंद ने डॉ सुरीति को एवं कुमारी नव्या को प्रशस्ति पत्र भेंट किया। सुशील सरित एवं कुमारी पूजा तोमर ने सुरीति के तीन गीतों की संगीत बद्य प्रस्तुति की। धन्यवाद ज्ञापित  किया चंद्रशेखर शर्मा ने। संचालन सुशील सरित ने किया।

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