जानें नरक चौदस का महत्व, पूजा विधि, शुभ मर्हूत, मनाने का कारण - एस्ट्रोलॉजर शिल्पा जैन


धनतेरस के पश्चात दूसरे दिन यानी चतुर्दशी के दिन छोटी दीवाली मनाई जाती है । इसे नरक चतुर्दशी ,रूप चौदस, नरक चौदस आदि के नामों से जाना जाता है । सौंदर्य और आयु प्राप्ति के लिए यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। कार्तिक मास की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी मनाया जाता है। 2023 में 11 नवंबर दोपहर 1:52 पर चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी और 12 नवंबर को दोपहर 2:45 तक रहेगी ऐसे में उदया तिथि के अनुसार इस बार 11 नवंबर 2023 को नाटक चतुर्दशी यानी छोटी दीवाली मनाई जाएगी।

शुभ मुहूर्त इस दिन 5:29 से लेकर रात्रि 8:07 तक दीपदान का शुभ मुहूर्त बन रहा है। आज के दिन घर की साफ सफाई का खास ध्यान रखें घर के सभी कोणों को साफ रखें और कहीं भी पूरा कचरा एकत्रित न होने दे।

आज के दिन सूर्याेदय से पहले स्नान का बहुत महत्व है। वैसे तो कार्तिक मास में शरीर में मालिश करना वर्जित बताया गया है किंतु आज के दिन सूर्याेदय से पूर्व तिल के तेल के मालिश अपने शरीर में अवश्य करें। शरीर पर उबटन अवश्य लगाएं एवं ताजा जल से स्नान करें जल गर्म नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से अद्भुत सुंदर एवं स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। जल में हल्दी या केसर डालकर सनान करना उत्तम बताया गया। 

इस दिन श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है क्योंकि आज के दिन श्री कृष्ण नरकासुर नामक असुर का वध किया था। शाम को बजरंगबली जी की पूजा की जाती है हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना श्रेष्ठ रहता है। 

रात को जब की पूजा की जाती है ऐसी मान्यता है कि पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय टल जाता है । इस दिन यम के नाम का दीपक जलाया जाता है वैसे तो 5 दिनों में पांचों दिन यम के नाम का दीपक अवश्य जलाना चाहिए किंतु अगर यह करने में असमर्थ हो तो नरक चतुर्दशी के दिन तो यम का दीपक अवश्य जलाएं । 

यम का दीपक घर के बाहर दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए। दीपक जलाने से पहले उस स्थान को जल से पवित्र करके गेहूं का ढेर रखें उसके पश्चात उस पर एक सिक्का रखें फिर उस पर सरसों का तेल का दीपक जलाएं। चार मुखी दीपक जलाना उत्तम होता है। यह चार बतिया धर्म-कर्म अर्थ और मोक्ष की प्राप्ति की हेतु जलाया जाता है। ऐसी मान्यता है यम का दीपक जलाने से नरक की यातना और परिवार की अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है । दीपक जलाते वक्त मन में यही भावना भावे कि हमारे परिवार में किसी की भी अकाल मृत्यु ना हो एवं अगर भूल से भी कोई पाप कर्म हो गए हो तो हमें नरक की यातना से मुक्ति मिले। यह दीपक जब घर के सभी सदस्य घर पर आ जाएं उसके पश्चात ही जलाएं । दीपक जलाते वक्त ॐ यमाय नमः का जाप अवश्य करें एवं फूल भी अर्पित करें ऐसा करने से पित्र भी प्रसन्न होते हैं। 

शास्त्रों के अनुसार आज के दिन 11 दीपक जलाने की भी परंपरा है रसोईघर पीपल का पेड़ तुलसी के सामने घर के आंगन में हनुमान जी के समक्ष डस्टबिन के पास और बाकी अन्य जगह कुल मिलाकर 11 दीपक जलाए ।गणेश जी एवं लक्ष्मी जी की पूजा करें। 

गणेश स्तुति एवं गणेश सूत्र का पाठ करें । आज के दिन हिजड़ों को हरी सारी एवं हरी चूड़ी का दान अवश्य करना चाहिए। कई जगह आज के दिन काली जी की भी पूजा की जाती है । नरक चतुर्दशी स्वच्छता का संदेश देती है आज के दिन काला और नीला रंग धारण न करें । गाय को तिलक एवं रोटी खिलाएं एवं पितरों को अवश्य याद करें।

    पंच दिवसीय त्योहार का यह द्वितीय दिन आप सबों के जीवन में रूप की सुंदरता के साथ ही साथ मन की सुंदरता भी लेकर आए मन की भावना उत्तम हो यही ईश्वर से कामना करती हूं ।


 - एस्ट्रोलॉजर शिल्पा जैन की कलम से

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