जानें, दिवाली की पूजा में कैसे करें मां लक्ष्मी को खुश और पूजा का सही समय : ज्योतिषाचार्य अनिता पाराशर



दीवाली शुभ मुहूर्त

इस साल, दीपावली का त्योहार 12 नवंबर 2023 को है और दीपावली पूजन का शुभ समय प्रदोष काल में मिथिला में मनाया जाना चाहिए इस साल प्रदोष कालीन समय सूर्यास्त के बाद 1 घंटा 36 मिनट तक होगा. इसके आधार पर, 12 नवंबर को संध्या 5:24 बजे से संध्या के 7:00 बजे तक शुभ समय होगा लक्ष्मी पूजन के लिए

दीपावली में माता लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। सनातन धर्म में धन वैभव की प्राप्ति के लिए लोग माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं। जिससे कि धन-धान्य की स्थिति घर में बनी रहे  और किस समय मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा करनी चाहिए दीपावली के पूजा मुहूर्त के साथ-साथ आपको ध्यान देना चाहिए कि किन चीजों का  भोग माता को अर्पित करना चाहिए जिससे की लक्ष्मी माता और गणेश महाराज आप पर कृपा बरसाए।

लक्ष्मी जी की पूजा में क्या क्या सामग्री चाहिए?

नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें। देवी की मूर्ति के सामने कुछ फूल और सिक्के रखें। थाली में दीया लें, पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें।

पूजा में ये चीजें रखना भी बेहद शुभ 

पूजा में ये चीजें रखना भी बेहद शुभ माना जाता है इससे आपके जीवन में सुख समृद्धि आती है।

 तांबे का सिक्का रू तांबे में सात्विक लहरें उत्पन्न करने की क्षमता अन्य धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है। कलश में उठती हुई लहरें वातावरण में प्रवेश कर जाती हैं। यदि कलश में तांबे के पैसे डालते हैं तो इससे घर में शांति और समृद्धि के द्वार खुलेंगे। देखने में ये उपाय छोटे से जरूर लगते हैं लेकिन इनका असर जबरदस्त होता है।  

मंगल कलश - भूमि पर अष्टदल कमल की आकृति बनाकर उस पर कलश रखा जाता है। एक कांस्य, ताम्र, रजत या स्वर्ण कलश में जल भरकर उसमें कुछ आम के पत्ते डालकर उसके मुख पर नारियल रखा होता है। कलश पर कुंकूम, स्वस्तिक का चिह्न बनाकर उसके गले पर मौली बांधी जाती है।

 श्रीयंत्र  -  धन और वैभव का प्रतीक लक्ष्मीजी का श्रीयंत्र। यह सर्वाधिक लोकप्रिय प्राचीन यंत्र है। श्रीयंत्र धनागम के लिए जरूरी है। श्रीयंत्र यश और धन की देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने वाला शक्तिशाली यंत्र है। दीपावली के दिन इसकी पूजा होना चाहिए।

 कमल और गेंदे के फूल रू कमल और गेंदे के पुष्प को शांति, समृद्धि और मुक्ति का प्रतीक माना गया है। सभी देवी-देवताओं की पूजा के अलावा घर की सजावट के लिए भी गेंदे के फूल की आवश्यकता लगती है। घर की सुंदरता, शांति और समृद्धि के लिए यह बेहद जरूरी है।

नैवेद्य और मीठे पकवान रू लक्ष्मीजी को नैवद्य में फल, मिठाई, मेवा और पेठे के अलावा धानी, बताशे, चिरौंजी, शक्करपारे, गुझिया आदि का भोग लगाया जाता है। नैवेद्य और मीठे पकवान हमारे जीवन में मिठास या मधुरता घोलते हैं।


- ज्योतिषाचार्य अनिता पाराशर

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