जानें दिवाली पर पूर्जा मर्हूत और कैसे बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा: एस्ट्रोलॉजर डा शिल्पा जैन


भारतवर्ष त्योहारों का देश है जहां हर त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है किंतु दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जो अकेले का त्यौहार नहीं है यह एक सामुदायिक त्यौहार है। दिवाली यह भी कहती है कि दयालु बने। घर में सिर्फ अच्छा खाना बनाना मिठाई बांटने से ही त्यौहार नहीं बनता है दिवाली है आपके दिल का भाव केवल गुड के एक टुकड़े से भी पूजा कर सकते हैं सरल तरीके से भी पूजा की जा सकती है अगर मां का भाव आपका अच्छा है। अगर दिल में किसी के प्रति बेर है तो घर के साथ-साथ दिल की भी सफाई जरूरी है तभी मां लक्ष्मी की कृपा आपके घर पर बरसेगी।

2023 दिवाली बहुत खास है क्योंकि कई दशकों के बाद बहुत शुभ योग और राजयोग का निर्माण हो रहा है हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर पूरे देश भर में दिवाली का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है धनतेरस से दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है और फिर इसके बाद नरक चतुर्दशी फिर दिवाली फिर गोवर्धन पूजा और आखिरी दिन भाई दूज का त्यौहार आता है दिवाली 2023 और शुभ योग दिवाली का त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर मनाने का विधान होता है दिवाली पर लक्ष्मी गणेश पूजन का काफी महत्व है दिवाली पर अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर करीब 2रू30 पर शुरू हो जाएगी इस साल पांच राज्यों का निर्माण हो रहा है इसके अलावा आयुष्मान सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेंगे। 

दिवाली पर शुभ योग 8

दिवाली 8 शुभ योग में मनाई जाएगी दिवाली पर पांच राजयोग इस साल एक साथ देखने को मिलेंगे यह राजयोग गजकेसरी हर्ष योग उभयचरी योग का काहलयोग और दुर्धरा योग होंगे। इन राजयोगों का निर्माण शुक्र बुध चंद्रमा और गुरु ग्रह की स्थितियों के कारण बनेगा वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ माना जाता है या योग मान सम्मान और लाभ देने वाला साबित होता है शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शत योग महापुरुष राज्यों का निर्माण करेंगे अतः यह दीपावली बहुत खास होगी।

पूजा महूर्त 

पूजा मुहूर्त-पूजा का सर्वाेत्तम मुहूर्त सायंकाल 5रू30 से 7रू00 बजे तक का है।

ऐसे करें पूजा तो बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

पूजा करते समय आसन में लाल कपड़ा बिछाए मां लक्ष्मी और गणेश जी की स्थापना करें उनके पीछे एक उल्लू की तस्वीर अवश्य रखें एक तीन पांच या सात या 11 गोमती चक्र और कुछ कोरिया रखें साबुत धनिया का बीज पीले कपड़े में रखें पूजा के बाद इस धनिया का इस्तेमाल आप कर सकते हैं एक कटोरी में पांच सबूत डाल रखें आरती में दो लौंग और एक कपूर रखें मां को मिष्ठान फल फूल चढ़ाएं गोमती चक्र और कौड़ी अर्पित करें साबुत हल्दी अर्पित करें अगर आपके पास गोमती चक्र और कौड़ी नहीं है तो आप पिछले साल रखी हुई गोमती चक्र और कौड़ी का प्रयोग कर सकते हैं अगर वह भी उपलब्ध नहीं है आप भारत देश से बाहर हैं अभी तो जिस देश में है उसे देश का सबसे छोटा सिक्का 11 की संख्या मिले आरती के प्लेट में उसे रखें अगले दिन उसे पीले कपड़े में 11 सिक्का और दाल डालकर और अपनी मनोकामना जो आपने धनतेरस वाले दिन मां लक्ष्मी के समक्ष रखी है उसे कागज को उसे पीले कपड़े में रखकर तिजोरी में रख दे अगर धनतेरस वाले दिन आपने मनोकामना नहीं लिखी है तो लक्ष्मी पूजन के दौरान भी कामना लिखकर रख सकते हैं और अगले दिन उसे पीले कपड़े और दाल के साथ बांधकर अपनी तिजोरी में रख दे । दो झाड़ू अवश्य लाएं और उसे पर मौली बाधे और टीका करें और दिवाली के दूसरे दिन से उसे प्रयोग में लाएं।

   पूजा में अगर कोई सामग्री रह जाती है तो किसी भी प्रकार का वहम न लाएं शुद्ध मन से शुद्ध भाव से पूजा करें भगवान भाव के भूखे होते हैं अगर सच्चे हृदय से पूजा की गई हो तो वह पूजा सफल मानी जाती है।

  आज दिवाली बहुत धूमधाम से मनाई किंतु साथ ही साथ किसी एक व्यक्ति के चेहरे पर आपके कारण मुस्कान आए उसके घर में दीपक की रोशनी हूं मुंह मीठा हो इसका अवश्य ध्यान रखें। किसी दुखी इंसान के अंधेरे जीवन में आप अपनी मदद के एक दीपक से रोशनी कर सकते हैं।

  दिवाली की इस मंगल अवसर पर आप सभी की मनोकामना पूरी हो खुशियां आपके कदम चूमे मां लक्ष्मी की कृपा आपके परिवार पर बरसे धनवंतरी देव आपकी काया को निरोगी रखें इसी शुभकामना के साथ

       एस्ट्रोलॉजर डा शिल्पा जैन

Comments