टीबी मरीजों को खोजने के लिए 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक चलेगा एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान

   



  •  टीबी मरीजों को खोजने के लिए चलेगा अभियान 
  • वर्ष 2023 में आगरा में खोजे गए सर्वाधिक 23081 मरीज

आगरा, 20 नवंबर 2023। प्रधानमंत्री के 2025 तक टीबी मुक्त भारत के संकल्प को साकार करने में आगरा जनपद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जनपद में वर्ष 2023 में अब तक सार्वाधिक 23081 टीबी मरीजों को खोजा जा चुका है। अब और नये टीबी मरीजों को खोजने के लिए 23 नवंबर से एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जाएगा। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. सुखेश गुप्ता ने सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में प्रेसवार्ता के दौरान दी।  डीटीओ ने बताया कि वर्ष 2023 में पब्लिक (सरकारी) क्षेत्र में 11648 मरीज, प्राइवेट (निजी) क्षेत्र में 11704 मरीज खोजे गए हैं। इनमें से 12972 मरीजों का उपचार चल रहा है। इनमें 883 डीआरटीबी के मरीज भी हैं, जिनका उपचार चल रहा है। अन्य मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। 

उन्होंने बताया कि जनपद में मौजूद अन्य क्षय रोगियों को खोजकर उनका उपचार शुरू करने के उद्देश्य से 23 नवंबर 2023 से पांच दिसंबर 2023 तक एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान संचालित किया जाएगा। इस अभियान के दौरान जनपद की 53.07 लाख की आबादी के लगभग 20 प्रतिशत पर फोकस किया जाएगा।जिसमें स्लम, घनी आबादी वाले क्षेत्र, मलिन बस्तियाँ, हाई रिस्क जनसंख्या (एच०आई०वी० एवं डायबिटीज) अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार (जेल), मजदूर, श्रमिक तथा टीबी मुक्त पंचायत आदि जगह शामिल हैं। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मी टीबी के संभावित लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान करेंगे और  टीबी संबंधित जानकारी देंगे। अभियान में 73 सुपरवाइजरों के साथ 372 टीम  गठित की गईं हैं। प्रत्येक टीम में तीन सदस्य तैनात किये गये हैं।

उन्होंने बताया कि जनपद में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत 26 टी०बी० यूनिट कार्यरत हैं। प्रत्येक एक लाख की जनसंख्या पर बलगम की जाँच के लिए एक माइक्रोस्कोपी केन्द्र स्थापित है, जहाँ पर बलगम की जाँच व उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। जिले में करीब 823 डॉट्स सेन्टर संचालित हैं, जिससे टी०बी० के रोगियों को घर के नजदीक ही दवा उपलब्ध कराई जाती है।

जनपद में चार सीबी नॉट मशीन- 2-एस०टी०डी०सी०, आगरा, 1-जिला चिकित्सालय, आगरा एवं 1-जालमा चिकित्सालय में उपलब्ध है। इसके अलावा नौ टूनेट मशीन जिला अस्पताल, रेलवे हॉस्पिटल, छावनी अस्पताल, बरौली अहीर फतेहपुर सीकरी, शमशाबाद, एम०सी०यू० रामबाग, लोहामण्डी एवं एच०वी०टी०सी० पर उपलब्ध हैं, जहाँ पर ड्रग रेजिस्टेंट रोगियों की जाँच की जाती है। ड्रग रेजिस्टेंट रोगियों को एस०एन० मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर उपचार उपलब्ध कराया जाता है।

प्राइवेट क्षेत्र के चिकित्सकों एवं चिकित्सालयों को भी रजिस्टर्ड कराया गया है। यहाँ पर उपचार प्राप्त कर रहे रोगियों को भी निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत कर उन्हें भारत सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है।

एक नजर पिछले एक्टिव केस फाइंडिंग अभियानों के आंकड़ों पर

डीटीओ ने बताया कि इससे पहले एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान संचालित होते रहे हैं। इनमें टीबी मरीजों को खोजा गया है। वर्ष 2021 में 3246 संभावित क्षय रोगियों की जांच की गई, जिसमें 222 नए टीबी मरीज मिले । वर्ष 2022 में 2946 संभावित क्षय रोगियों की जांच की गई, जिसमें 238 नए टीबी मरीज मिले ।वर्ष 2023 में प्रथम चरण में 3598 संभावित क्षय रोगियों की जांच की गई, जिसमें 325 नए टीबी मरीज मिले। अभियान के दौरान मिले सभी टीबी मरीजों का उपचार पूर्ण हो गया है और वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। 


प्रेस वार्ता में आईँ आगरा निवासी 20 वर्षीय पूनम ने बताया कि जब उन्हें टीबी हुई थी तो उन्हें टीबी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। क्षेत्रीय आशा ने उन्हें लक्षणों के आधार पर जिला अस्पताल में जाकर टीबी की जांच कराने की सलाह दी। जिला अस्पताल में जांच के बाद उन्हें पता चला कि उन्हें टीबी है। इसके उपरांत उनका उपचार शुरू हो गया। छह माह तक उनका टीबी का उपचार हुआ। इस दौरान उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह भी मिले। यह धनराशि बैंक खाते में  सीधे ट्रांसफर की गई। अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपने क्षेत्र के अन्य लोगों को भी टीबी के प्रति जागरूक कर रही हैं। इस दौरान डीटीसी और सहयोग संस्था के प्रतिनिधि सहित सभी अधिकारी व कर्मचारमौजूद रहे।

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