आगरा। बालाजीपुरम चिरंजीव सेवा सदन में चल रही श्रीमदभागवत कथा के तीसरे दिन व्यासपीठ पर विराजमान पूज्य संत राम प्रपन्नाचार्य जी ने कहा जब सद्गुरु की प्राप्ति होती है तभी व्यक्ति को भक्ति मिलती है। क्योंकि सद्गुरु की कृपा से ज्ञान और तत्पश्चात भक्ति की प्राप्ति होती है।आज मानव तीन में ( तन में,धन में और सृजन में) फंसे हैं।धन के महत्व को सब जानते हैं।धन की चिंता में सब दुखी हैं। किंतु जिसने धर्म के महत्व को जान लिया वही सुखी है। अपना जन्म और मरण सुधारना चाहते हो तो निष्काम भाव से प्रभु का स्मरण करें क्योंकि हरि को भजे सो हरि का होई, कलयुग केवल नाम आधारा, सुमरि सुमरि नर उतरेहि पारा।
वे बोले अक्षय पुण्य की प्राप्ति चाहते हैं तो जीवन में भागवत कथा जरूर श्रवण करें। भागवत कथा की आवाज श्रवण मात्र से सभी जीव, जंतु और प्राणियों को पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है। उस गांव या क्षेत्र की मिट्टी ही नही अपितु कण कण पवित्र हो जाती है। याद रखो घर में एक बालक भी प्रभु का भक्त बन जाता है तो वह बालक अपनी 21 पीढ़ियों का उद्धार कर देता है,मोक्ष दिला सकता है।
पूज्य संत ने ध्रुव चरित्र,जड़भरत चरित्र, अजामिल उपाख्यान, नरसिंह अवतार आदि कथाओं के प्रसंगों को मधुर वाणी से सुनाया तो श्रोता भावविभोर हो गये।
कथा में आचार्य ब्रह्मचारी जी, पार्षद रवि दिवाकर, किशन स्वरूप लवानियां,ठाकुर राजवीर सिंह,के के भारद्वाज,महेश त्यागी,पंडित गोपाल दास,कमल सिंह तोमर ,महावीर सिंह चाहर,नरेंद्र उपाध्याय, मुन्नालाल कुलश्रेष्ठ आदि प्रमुख सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
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