पितृ अमावस्या : 15 दिन तक किसी भी कारणवश नहीं कर पाए तो अमावस्या तिथि को श्राद्ध अवश्य करें - डॉ शिल्पा जैन




 अमावस्या तिथि का हमारे हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व है शनिवार का दिन अमावस्या तिथि और पितृ पक्ष चल रहे हैं यह अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित तिथि होती है । 14 अक्टूबर को शनि सर्व पितृ अमावस्या है है। आज के दिन किया गया दान पितरों की पूजा करने से हमारे जीवन में आने वाले सभी संकट टल जाते हैं। अगर पिछले 15 दिन तक किसी भी कारणवश नहीं कर पाए तो अमावस्या तिथि को श्राद्ध अवश्य करें । पितरों के निमित्त पूजा दोपहर में ही की जानी चाहिए ।दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके पूजा करना श्रेयस्कर होता है। काले तिल और कुशा का बहुत महत्व है । आज हम अपने प्रिय जनों के निमित्त जो अब इस संसार में शारीरिक रूप से हमारे साथ नहीं है उनकी प्रिय वस्तु बनाई जाती है। आज वह हमारे साथ शारीरिक रूप से तो नहीं है किंतु उनकी आत्मा तक हमारी भावनाएं अवश्य पहुंचती है ।


करें ये उपाय

सायकाल आटे का दीपक मैं सरसों का तेल या तिल का तेल डालकर दीप प्रज्वलित करें  एवं अपने घर के दाहिने तरफ उसे प्रज्वलित करें पितरों को नमन करें दीया शांत हो जाने के बाद उसे दीए में भूरा डालकर चीटियों को खिलाएं। 

आज के दिन अपने घर की साफ सफाई करें घर के कबाड़ी को बाहर घर से निकले आज किसी भी प्रकार का अन्य धन वस्तु की खरीदारी ना करें। 

गरीबों को भोजन कराए। अगर आपके परिवार में हर कार्य में रुकावट आ रही है नजर दोष है वंश वृद्धि नहीं हो रहा है कर्ज की समस्या है विवाह नहीं हो पा रहा है तो यह उपाय सर्वोत्तम होगा।

 इस इस प्रकार करें एक मीटर किसी भी रंग का कपड़ा ले, पानी वाला नारियल फल , भुना चना , गुड  इन सभी को एक प्लेट में रखें पूर्वजों को याद करें उनसे अपनी गलतियों के लिए माफी मांगे और उनसे प्रार्थना करें कि वह अपना आशीर्वाद हमारे घर पर बनाए रखें फिर इस सामान को अलग-अलग जरूरतमंदों को बांट दे या किसी धर्म स्थान में रख दे । 

आज के दिन हर प्रकार के अनाज का अलग-अलग पैकेट बना ले अपने समर्थ अनुसार और इसे जरूरतमंदों में वितरित करें सड़क के किनारे बैठे गरीबों को कच्चा अनाज ना दे उन्हें आप ठंडा दूध पिला सकते हैं आइसक्रीम दे सकते हैं या पका हुआ भोजन दे सकते हैं ऐसा करने से आपके घर में बरकत होगी एवं पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

 अतः इन पितृपक्ष के दिनों में शुद्ध भावना के साथ उनको याद करें ताकि हम पर उनकी कृपा बनी रहे करें और उनकी आत्मा को शांति मिल सके क्योंकि उनका हमारे जीवन में कहीं ना कहीं बहुत प्रभाव रहा है । आज जब वह हमारे बीच नहीं है तो हमारा यह फर्ज बनता है कि उनकी तिथि के दिन उनके नाम का दान पुण्य अवश्य करें एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

 एस्ट्रोलॉजर डॉ शिल्पा जैन की कलम से

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