सुप्रीम कोर्ट ने दिया स्कूलों को झटका, 15 % फीस वापसी के माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश से हटायी रोक

 


AGRA | माननीय सर्वोच्च न्यायालय में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के उस आदेश पर सुनवाई  हुई जिसमे समस्त स्कूलों को कोरोना काल वर्ष 2020-21 में 15% फीस के समायोजन व वापसी  के आदेश  दिए गए थे , इस मामले में पूर्व में 04 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद 15% फीस के आदेश के केवल 15% फीस वापसी के पार्ट को स्टे कर दिया था लेकिन स्कूलों के द्वारा 15% समायोजन पर भी स्टेट का बहाना लेकर रोक लगा दी गई थी आगरा जिले में कई स्कूलों में 15% देने के बाद अभिभावकों से वही 15% वापस भी मांग लिया था जिस में सेंट पैट्रिक का नाम प्रमुख था, इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केवल स्टे उन्ही तीन स्कूल को दिया है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी पिछले 4 साल की बैलेंस शीट दाखिल कर दी है। 

 

इंडियन स्कूल फेडरेशन की तरफ से दाखिल हुई याचिका (एस•एल•पी•) पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना व जस्टिस एस वी एन भट्टी ने कहा की केवल तीन ही स्कूलों ने एफिडेविट दाखिल किया है स्टे केवल उन्ही को मिलेगा एवं अपनी पूरी बैलेंस शीट भी छह हफ्तों में दाखिल करे और अन्य याचिकाकर्ता को भी आदेश दिया है की वह भी 4 हफ्तों में अपना 4 साल का विवरण कोर्ट में दाखिल करे और जो आदेश सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में दिए है जैसे की एफिडेविट के माध्यम से स्कूलों से यह भी माँगा है कि स्कूलों द्वारा कितनी सैलरी टीचर व स्टाफ को वर्ष 2020-21 में दी गयी है और क्या उनकी सैलरी में कोई कमी की गयी है ? सुप्रीम कोर्ट ने एफिडेविट के माध्यम से स्कूलों से यह भी माँगा है कि वर्ष 2020-21 में प्रति दिन के खर्चो में कितनी कमी आई है |

 

प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स अवेयरनेस (टीम पापा) के राष्ट्रीय संयोजक दीपक सिंह सरीन ने जिलाधिकारी कार्यालय में एसीएस थर्ड नवोदिता शर्मा से मुलाकात करते हुए उन्हे अपनी शिकायत के साथ सुप्रीम कोर्ट आर्डर की कॉपी सौंपते हुए कहा की पहले हमारी जनहित याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने अभिभावकों के हक़ में फैसला दिया और अब माननीय सुप्रीम कोर्ट से भी अभिभावकों के पक्ष में ही निर्णय आया है, सुप्रीम कोर्ट ने उक्त चुनिंदा स्कूलों से कथित नुकसान की गहन जानकारी के लिए 4 साल की बैलेंस शीट दाखिल करने को कहा है और आज 15% फीस वापसी पर भी स्टे हटा कर यह इशारा किया है कि स्कूलों के द्वारा अभिभावकों को 15% वापस और समायोजित करना ही पड़ेगा इस विषय में दीपक सिंह सरीन ने एसीएम थर्ड नवोदिता शर्मा को यह भी बताया कि जिन स्कूलों का नाम सर्वोच्च न्यायालय ने रोक जारी रखने के लिए लिखा है उनमें से आगरा जिले का कोई भी स्कूल नहीं आता, 15 दिवस के अंदर सभी स्कूलों को फीस वापस और समायोजित करने के निर्देश जारी नहीं किए जाते हैं तो आगरा जिलाधिकारी के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय में हमारे द्वारा कोर्ट की अवमानना का केस दर्ज कराया जाएगा.


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