गेमिंग वेबसाइट्स के जरिये हो रहा था फ्रॉड, आगरा पुलिस ने बचाया 38 हजार करोड़ का फ्रॉड

 


Agra. साइबर अपराधियों पर नकेल कस रही आगरा पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया है जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। आगरा पुलिस ने अवैध गेमिंग वेबसाइट्स से फ्रॉड करने वाले इंटरनेशन साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है। पुलिस टीम ने 15 लाख ऐसे भारतीयों को बचाया है जो इनका शिकार होने वाले थे और लगभग सब मिलकर लगभग 38 हजार करोड़ गंवाने वाले थे। फ्रॉड का यह सारा खेल खेलने वाली वेबसाइट चीन से संचालित हो रही थी। पुलिस को इस इंटरनेशनल रैकेट को तोड़नेके।लगभग 4 महीने लगे।

फर्जी गेमिंग की 27 वेबसाइट और 9 एप पर कसा शिकंजा:

पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि अवैध वेबसाइट चलाने वाले लोग ओरिजनल प्लेटफार्म की ओटीटी चोरी करके लाइव गेम्स की बैटिंग करते हैं। यूजर्स को लालच देकर उन्हें जाल में फंसा लेते हैं। ये वेबसाइट भारत और देश के बाहर थाईलैंड, वियतनाम, फिलिपिंस और चीन से चलाई जा रही हैं। इन्हें पकड़ने के लिए देश की बड़ी एजेंसियों से सहायता ली जा रही है। आगरा पुलिस की साइबर टीम ने फर्जी गेमिंग की 27 वेबसाइट और 9 एप पर शिकंजा कसा है और 6 हजार बैंक और वीपीए खाते ब्लॉक किये है। उत्तर प्रदेश आगरा पुलिस के लिए इस रैकेट का पर्दाफाश करना आसान काम नहीं था। इस तरह की वेबसाइट चलाने वाले सर्विस प्रोवाइडर्स अनडिटेकटेबल होते हैं या फिर देश के बाहर से काम करते हैं।


शाहगंज में दर्ज हुआ था केस:

पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि कुछ महीने पहले थाना शाहगंज में एक केस रजिस्टर्ड हुआ था। इसमें स्टार इंडिया की ओर से शिकायत की गई थी, उसका ऑनलाइन कंटेंट चोरी करके अपनी वेबसाइट पर लाइव ब्रॉडकास्ट करते थे। पुलिस ने इस मामले में पड़ताल की तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से कुछ लोगों की गिरफ्तारी की गई। इस केस की गहराई में गए तो चौंका देने वाले रहस्य खुलने लगे। इन्वेस्टिगेटिव टीम को 27 अवैध वेबसाइट का पता लगा। इसके साथ ही 9 ऐप 6 हजार बैंक खाते और 18 हजार वीपीए अकाउंट इलिगली चल रहे थे। इन्हें सेंट्रल एजेंसियों की मदद से ब्लॉक कर दिया है।

अवैध वेबसाइट का यूजर बनी आगरा पुलिस तो सामने आया इंटरनेशनल रैकेट:

पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस रैकेट को पकड़ने के लिए साइबर पुलिस टीम को खुद भी एकबेट नामक अवैध वेबसाइट का यूजर बनना पड़ा था। तब जाकर इस पूरे इंटरनेशनल रैकेट सामने आया है। यूजर बनने के दौरान सामने आया कि क्रिकेट वर्ल्ड के क्वालिफाइड मैच लगाई जा रही लाइव बेटिंग में देखा कि चंद मिनटों में 10 करोड़ तक पहुंच गई। उन्होंने बताया कि अवैध बेटिंग की वेबसाइट्स और ऐप गूगल या प्ले स्टोर पर अपलोड नहीं किए जाते थे। ये ज्यादातर मैसेंजर ऐप ( इंस्टाग्राम, सिग्नल, टेलीग्राम आदि) से अपलोड किए जाते हैं। इनके सर्विस प्रोवाइडर्स अनडिटेकटेबल होते हैं जिससें इन्हें पकड़ने में दिक्कतें आती है। अपने सब्सक्रिप्शन और यूजर्स बढ़ाने के लिए रैंटेड अकाउंट खोले जाते हैं। इसके लिए एजेंट सक्रिय रहते हैं। 

क्रिप्टो करंसी के जरिए देश के बाहर भेजते है पैसा:

आगरा पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि अवैध बेटिंग वेबसाइट चलाने वाले शातिर अपराधी लालच देकर यूजर्स को फंसा लेते हैं। रेंटेड अकाउंट या अपने फर्जी एक्सचेंज के माध्यम से ट्रांजैक्शन करते हैं। इसके बाद कुछ ही दिनों में उन खातों को भी बंद कर दिया जाता है। फर्जी मनी एक्सचेंजर के माध्यम से ये लोग भारतीय करेंसी को क्रिप्टो करंसी के जरिए देश के बाहर भेज देते हैं।

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