पिता से भी सहयोग नहीं, सम्पति का भी सहयोग नहीं लेने का भाव रखने वालों को चक्रवर्ती पद मिलता है मुनिपुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज

 


आगरा  28 अगस्त |  आगरा के  हरीपर्वत स्थित श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के अमृत सुधा सभागार में निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव तीर्थ चक्रवर्ती108 श्री सुधासागर जी महाराज ने मंगल प्रवचन मे कहा कि खेद हम जानते है पुण्यहिन स्थावर के जीवों है बगैर नहीं रह सकते हैं उनके उपयोग के बगैर ह‌‌मारा जीवन रहना मुश्किल है। जल हवा,वनस्पति, पृथ्वी अग्नि का सहयोग तुच्छ जीवों के दम पर जीवित है जबकी हमको उन्हें जीवित रखना चाहिए हमे उनका सहयोग नही लेना पड़े, हमारा पुण्य का क्षय हो रहा है हमे उनका सहयोग नही लेना पडे उपयोग लेन तो खेद के साथ सहयोग ले भक्ति सत्य नहीं-भक्ति सत स्वरूपी नहीं होती यदि सत स्वरूपी होगी| अतिशय कारी नही होगी भक्त जब अपने गुरू को सब कुछ मानेगा तो इसका कार्य हो जायेगा, अरहनाथ भगवान की भक्ति करते हुए जो गुण नही उससे भी ज्यादा बताना तो भक्ति अतिशयकारी होगी,शबरी व श्री राम जी के उदाहरण से बताया शबरी ने 3000 वर्ष तक प्रतिदिन भगवान श्रीराम का स्वागत की है कि तैयारी करती थी उत्साह के साथ ये भक्ति है हम तो चोका लगा थे जल्दी होना चाहिए| नरक निगोद-जब भी किसी की वस्तु छिनने का भाव आये,किसी के आंसु बहाकर हमे खुशी आये,मे सम्मान नही चाह रहा लोकिन इसका सम्मान नही हो जाये ये वस्तु मेरे पास नही मिले तो उसके पास भी नहीं रहना,किसी को दुख देकर हमे सुख मिले तो नरक निगोद गति मिलेगी,सहयोग-हम सहयोग नहीं लेना हमारा सहयोग किसी से नही लेना पडे,धन का सहयोग नही लेना पड़े, गिर जाऊ तो किसी का सहयोग नहीं लेना पड़े माता पिता परिवार का सहयोग नही लेना पड़े हमे पिता का सहयोग नही लेना पडे आप पुज्य है तो आपकी संपत्ति भी पूज्य है आपके द्वारा संपत्ति को उपयोग को महाराज जी भी नमोस्तु करेंगे,हम श्वास लेकर जिंदा ये गर्व की बात नही क्यों की असंख्यात जीवों को मारकर हम जिंदा है| धर्मसभा का शुभारंभ मंगलाचरण के साथ हुआ| इस दौरान सौभाग्य शाली भक्तों ने मुनिश्री का पादप्रक्षालन    एवं जिनवाणी भेंटकर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया,साथ ही संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्जवलन भी किया| धर्मसभा की व्यवस्था क्षमा सागर मैत्री समूह छीपीटोला द्वारा संभाली गई| अमृत सुधा वर्षायोग के मुख्य संयोजक मनोज जैन बाकलीवाल ने बताया कि मुनिपुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सानिध्य में  30 अगस्त को रक्षाबंधन महापर्व के पावन अवसर पर श्रमण संस्कृति  रक्षा दिवस विधान का आयोजन सुबह:6:30 से 11:00 तक अमृत सुधा सभागार में किया जाएगा| धर्म सभा का संचालन मनोज जैन बाकलीवाल द्वारा किया गया| इस अवसर पर धर्मसभा में प्रदीप जैन पीएनसी,जगदीश प्रसाद जैन,पन्नालाल बैनाड़ा,हीरालाल बैनाड़ा,निर्मल मौठया नीरज जैन जिनवाणी,अमित जैन बॉबी राकेश सेठी,मनोज जैन,अनिल जैन, नरेश जैन,रूपेश जैन चांदीवाले, अनिल जैन शास्त्री,नरेंद्र जैन फर्नीचर, दिलीप जैन,राकेश जैन पर्देवाले,राकेश जैन बजाज,मीडिया प्रभारी शुभम जैन,अंकेश जैन,शैलेन्द्र जैन,रमेशचंद जैन,अजित जैन, समकित जैन,समस्त दिल्ली,गाजियाबाद,नोएडा,जयपुर,ललितपुर कोटा,आगरा,के सकल जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे|

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