इस दौरान वहां उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए सभा के मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर शर्मा ने कहा कि श्री रामचरितमानस के नायक श्री राम हैं जिनको एक मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में दिखाया गया है जो कि अखिल ब्राह्मण के स्वामी श्री हरि नारायण भगवान के अवतार हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सभा की मंत्री डॉ मधु भारद्वाज ने कहा कि रामचरितमानस में भले ही राम कथा हो किंतु कवि का मूल उद्देश्य राम के चरित्र के माध्यम से नैतिकता एवं सदाचार की शिक्षा देना रहा है।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर सोम ठाकुर ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि रामचरितमानस भारतीय संस्कृति का वाहक महाकाव्य ही नहीं अपितु विश्व जीव आचार्य शास्त्र का बोधक महान ग्रंथ भी है।
कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ बृज बिहारी लाल वर्मा बिरजू द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। वहां मौजूद अतिथियों ने तुलसीदास जी पर प्रकाश डाला।
इस दौरान सर्वश्री भगवान सहाय, दिवाकर खरे, ममता पचौरी, रोहित, नंदननंदन गर्ग ने अपने विचार व्यक्त किये | समारोह में अभिषेक पाराशर, विजय शर्मा, सुनीता गोस्वामी, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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