श्रीमद्भागवत कथा में कृष्ण जन्म, कथा व्यास ने किया अवतरण का वर्णन


  • श्रीमद्भागवत कथा में कृष्ण जन्म, कथा व्यास ने किया अवतरण का वर्णन 
  • अग्रसेन भवन, लोहामंडी में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा, नीरज नयन महाराज हैं कथा व्यास 
  • कान्हा के जन्म पर गूंजी बधाइयां, कथा व्यास ने दी परिवारों को रामायण का अनुसर करने की सीख 

आगरा। अग्रसेन भवन, लोहामंडी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास नीरज नयन (वृंदावन) ने भगवान वामन का प्राकट्य, बलि− वामन प्रसंग, श्री राम जन्मोत्सव सहित श्रीकृष्ण जन्म कथा प्रसंग का वर्णन किया। कथा व्यास ने कहा कि भगवान का अवतार अनुग्रह के लिए होता है। अवतरण का मूल उद्देश्य संतों पर अनुग्रह अैर स्थूल उद्देश्य दुष्टाें का निग्रहण करना है। प्रभु अवतार में परमात्मा की मूर्तिमति करुणा का दर्शन होता है।

 उन्होंने श्रद्धालु परिवारों को सीख देते हुए कहा कि परिवार में यदि शांति, सौहार्द चाहते हैं तो रामायण की मुझे नहीं चाहिए आप लीजिए की सीख का अनुसरण करना आरंभ करें। प्रसंग वर्णन की अंतिम बेला में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग जैसे ही आरंभ हुआ कथा स्थल भजन और नृत्य से झूमने लगा। बधाइयां और बलइयां लेने की जैसे भक्तों में होड़ से लग गयी। आकर्षक झांकियों को देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हुए जा रहे थे। कथा के जजमान राकेश गर्ग एवं कुमकुम गर्ग हैं। 

इस दौरान बीडी अग्रवाल, महावीर मंगल, मोहन लाल, अंकुर सीए, क्षमा जैन, स्नेह दीदी, दीपक अग्रवाल, किशन गर्ग, नीरज, मनोज अग्रवाल, विशाल बंसल, उषा बंसल, सतीशचंद्र बंसल, मनीष गर्ग, सौरभ, गौरव आदि उपस्थित रहे। 

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