अयोध्या कांड पड़ने से चार फल मिलते है - धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष : पं.विजय शंकर मेहता

 



आगराः बल्केश्वर नाथ महादेव मंदिर परिसर में आयोजित श्रीराम कथा में गुरुवार को अयोध्या कांड का श्रवण कराया गया, जिसमें बताया कि यह कांड चार फल देने वाला है- -धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की। इस कांड को पढ़ने से यह सब पुण्य अर्जित होते हैं। 

मानस मर्मज्ञ पं.विजय शंकर मेहता ने व्यास पीठ से कहा कि अयोध्या कांड में सत्य  का सूत्र दिया गया है। आज के समय में यह बहुत प्रासंगिक है, क्योंकि इन दिनों सत्य की आड़ में असत्य के खेल हो रहे हैं। इनसे बचने की प्रेरणा अय़ोध्या कांड में दी गई है। अयोध्या कांड में बताया गया है कि परिवार, समाज और व्यवसाय में सत्य का सामंजस्य करें तो अनेक संकटों से बचा जा सकता है। 

मेहता जी ने कहा कि श्रीराम कथा में कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। भगवान पर भरोसे का नाम ही कथा है। भगवान को पाने के लिए अपनी ललक बनाए रखनी चाहिए। अपने जीवन में शिकायत को विराम दें और मौन रहना भी सीखें। कथा श्रवण के दौरान एक संकल्प अवश्य लेना चाहिए, ताकि हम अपने हृदय को कुछ तो पवित्र करें। 

महाराज जी ने कहा कि हनुमान चालीसा सबसे पहले बाबा तुलसीदास ने लिखी, लेकिन उसके प्रथम दोहे का उल्लेख अयोध्या कांड में किया गया है। इस कांड के नायक श्रीराम नहीं, भरत जी हैं। राजा जनक के दर्पण देख लेने की  चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि हमारी कोई प्रशंसा करे तो उसमें प्रसन्न नहीं होना चाहिए। अपने मन के दर्पण में झांक कर देखना चाहिए कि क्या हम इस योग्य है, जो हमारी प्रशंसा की जा रही है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा खजाना हमारे अंदर विद्यमान है, जिसे हम जगह-जगह खोजते फिरते हैं। वह खजाना है हमारा ईश्वर, जो हमारे हृदय में विराजमान हैं।

महाराज ने 20 साल बाद एक बहुत बड़ा संकट शुरू होगा, ए ई यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। कृत्रिम तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता। युवक-युवतियों के जीवन को यह सब प्रभावित करेगा। इससे बचने का कवच ही राम कथा है, जिससे युवा पीढ़ी को सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों में इंटरनेट और मोबाइल रूपी राक्षस ने हमारे परिवारों में प्रवेश कर लिया है।

इस मौके पर  मनीष अग्रवाल सरिता अग्रवाल विनीता गुप्ता नमिता गुप्ता,सोनी गुप्ता,कंचन गुप्ता,नेहा गुप्ता, आरती की। 

Comments