साहित्योदय के आयोजन में आगरा से संजय गुप्त बनेंगे सहभागी



  • विश्व रिकॉर्ड के लिए 29-30 जुलाई को होगा कृष्णायण अखण्ड काव्यार्चन
  • साहित्योदय के आयोजन आगरा से संजय गुप्त सहभागी बनेंगे

आगरा/ रांची।  साहित्य, कला और संस्कृति न्यास साहित्योदय के तत्वावधान में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित साझा महाकाव्य "कृष्णायण" और वृंदावन में प्रस्तावित "श्री बाँके बिहारी अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव" की सफलता की कामना हेतु आगामी 29-30 जुलाई को "कृष्णायण अखण्ड काव्यार्चन" किया जाएगा। 24 घण्टे अनवरत चलने वाले ऑनलाइन अखण्ड काव्यार्चन में देश-विदेश के 300 से अधिक रचनाकार और कलाकार शामिल होंगे, सभी राधा कृष्ण पर स्वरचित रचनाओं का पाठ करेंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण साहित्योदय चैनल पर दुनियाभर में होगा जिसे लाखों लोग देखेंगे। इस कार्यक्रम को वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भी नामित किया जाएगा। 

साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम के अनुसार "जन रामायण" की अपार सफलता के बाद भगवान श्रीकृष्ण के सम्पूर्ण जीवन पर 170 से अधिक रचनाकारों ने अपनी काव्याहुति दी है, जिसका भव्य लोकार्पण वृंदावन में किया जाएगा। आयोजन से पूर्व 24 घण्टे का ऑनलाइन अखण्ड काव्यार्चन किया जा रहा है जिसमें देश-विदेश के सैकड़ों रचनाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। आगरा से इस काव्यार्चन में साहित्य सेवी संजय गुप्त 30 जुलाई को प्रातः 9 बजे अपनी रचना की प्रस्तुति देंगे। 


पंकज प्रियम ने बताया कि इससे पूर्व 6-7 दिसम्बर 2021 को 30 घंटे का जन रामायण अखण्ड  काव्यार्चन किया गया था, जिसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। सन 2022 में 19-20 नवंबर को अयोध्या में जन रामायण साहित्य महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि सामान्य विषयों पर तो सभी गीत ग़ज़ल लिखते हैं, लेकिन साहित्योदय ने भारत की समृद्ध सभ्यता, संस्कृति, राष्ट्रधर्म और वेद-पुराणों पर साहित्यधर्मिता निभाने का कार्य किया है। आज भटकी हुई युवा पीढ़ी और भारत के भविष्य को अपनी पुरातन संस्कृति से जोड़ने, उस पर अध्ययन तथा सृजन कराना साहित्योदय का मुख्य उद्देश्य है। साहित्योदय संस्था विगत 5 वर्षों से साहित्य कला और संस्कृति पर अभूतपूर्व कार्य कर रहा है। कोरोना काल को सृजन काल मे परिवर्तित कर साहित्य सृजन को एक नया आयाम देने का काम किया है। अब तक हजारों नवोदित रचनाकारों को वैश्विक मंच प्रदान करने के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर और उपेक्षित कलमकारों की उत्कृष्ट रचनाओं का प्रकाशन किया है। साहित्योदय प्रकाशन से अबतक 1 दर्जन से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। अगले 10 वर्षो में साहित्योदय की कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य चल रहा है।

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