सावन माह - 700 साल पुराना है मंदिर, बेलपत्रों के जंगल में मिला शिवलिंग तो नाम पड़ा बाबा बिल्केश्वर नाथ महादेव

 





आज सावन का द्वितीय सोमवार है आज के दिन आगरा के यमुना स्थित बाबा बल्केश्वर महादेव का मेला लगता है। दूर दूर से भक्त बाबा के दर्शन करने यहां आते हैं। द्वितीय सोमवार को यहां स्थित मंदिर पर कावड़ भी चढाई जाती है। वहीं इसी माह में भक्त आगरा के चारों मंदिर की परिक्रमा लगाते है। 

यमुना के किनारे स्थित यह मंदिर लगभग 700 साल पुराना बताया जाता है। मंदिर की स्थापना को लेकर बात करें तो इतिहास से पता चलता है कि उन दिनों यहां पर बेलपत्रों का जंगल हुआ करता था। जब यहां मंदिर की कटाई हुआ तो इस दौरान यहां यहां स्थित शिवलिंग पर पड़ी जिसके बाद यहां पर बाबा का मंदिर बना दिया गया। यह मंदिर ताजमहल से महज 7 किमी दूर है। सावन के दूसरे सोमवार को यहां भव्य मेला लगता है साथ ही कावडियां एवं आगरा की परिक्रिमा लगाकर भक्त बाबा पर जल अर्प्रण करते हैं। 

 वैसे तो हर दिन मंदिर में भक्तों की भीड़ रहती है लेकिन विगत है कि सावन माह भगवान शिव को अतिप्रिय है जिस कारण लाखों भक्त यहां भगवान शिव के दर्शन करते दूर दराज से आते हैं। मंदिर के बिल्कुल दुल्हन की तरह सजाया जाता है। सावन के 



शिव भक्तों की होती है, हर मनोकामना पूरी

मंदिर के पुजारी कपिल नागर बताते है कि भगवान बिल्केश्वर महादेव मंदिर में आस्था के साथ जो भक्त लगातार यहां आते हैं, दर्शन पूजा-अर्चना करते हैं बाबा उन भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। इसी कारण यहां दूर-दूर से लोग इस मंदिर में भगवान महादेव के दर्शन करने के लिए आते हैं। वहीं मंदिर के पास में महालक्षमी मंदिर एवं यमुना का तट है जो देखने में बेहद मनमोहक है.

बिल्व पत्र के घने जंगलों से निकली थी शिवलिंग

बलकेश्वर मंदिर के स्थापना को लेकर कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन आम लोगों में किवदन्ती है कि यह मंदिर लगभग 700 साल पुराना है और उस वक्‍त इसके आसपास बिल्व पत्र के घने जंगल हुआ करते थे. जंगल की कटाई के दौरान यहां पर भगवान महादेव की शिवलिंग दिखाई दी थी और यहां सबसे पहले उस वक्त बकरियां चलाने वाले को शिवलिंग होने की जानकारी मिली थी, क्योंकि ये शिवलिंग बिल्व पत्र के घने जंगल में मिली थी इस वजह से इसका नाम बिल्केश्वर मंदिर रखा गया. जो अब बल्केश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। 

ऐसे पहुंचे यहां

मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको वाटर वर्क्स चौराहे जाना होता है वहां से सीधा ऑटो, रिक्शा कर आप मंदिर पहंुच सकते हैं। 

भक्त राहुल राज ने बताया कि मंदिर काफी पुराना है वह नित्य सुबह बाबा के दर्शन कर अपने दिन की शुरुआत करते हैं। सच्चे दिल से बाबा के दर्शन मात्र से ही भक्तों की हर मनोकामंना पूरी हो जाती है। 

भक्त ईशिता चंदेल कहती हैं कि बाबा की महिमा निराली है बाबा के मंदिर तक वही लोग जा पाते है जिन्हें वह बुलाते हैं। 




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