क्या आप जानते हैं आने वाले तूफान का नाम कैसे रखा जाता है ?

 


भारत में लगभग कोई न कोई तूफान आता है और उसका नाम भी रखा जाता है | तो क्या आप जानते है की तूफान का नामकरण कैसे होता है   नहीं, तो जानते है इससे जुड़ी सारी जानकारी। हम सभी ने कई तूफानों का सामना किया हो या नहीं लेकिन नाम जरूर सुने होंगे – जैसे सुनामी, ताउते, तितली आदि नाम सुने होंगे। हाल ही में जून 2023 में भारत  बिपरजॉय (Biparjoy Cyclone) तूफान से गुजर रहा है यह तूफान अरब सागर में उत्पन्न हुआ है यह तूफान गुजरात और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा असर दिखायेगा।

 

भारत के पश्चिमी तट पर और पूर्वी तट पर तबाही लेकर आते हैं। भारत में अक्सर इन्हीं दो जगहों से तूफान आते हैं इन तूफानों को उष्णकटिबंधीय चक्रवात कहा जाता है यानी ट्रॉपिकल साइक्लोन।

उष्णकटिबंधीय चक्रवात

उष्णकटिबंधीय चक्रवात (ट्रॉपिकल साइक्लोन) कि उत्पत्ति जल पर होती है जब समुद्र का तापमान 27 डिग्री से अधिक हो जाता है । जब यह तापमान सामान्य से ऊपर हो जाता है जिससे बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में दबाव का क्षेत्र बन जाता है।

तब यह धीरे धीरे चक्रवाती रूप ले लेता है। जब कभी भी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का तापमान सामान्य से अधिक रहा है उस समय इन दोनों क्षेत्रों में तूफान की उत्पत्ति होने लगती है।

इस बार भारत में आए दो चक्रवाती तूफान भारत के पश्चिमी और पूर्वी तट से टकराए थे। पहला ताउते जिसकी उत्पत्ति अरब सागर में हुई थी, उसका नाम म्यानमार देश द्वारा रखा गया था और दूसरा चक्रवाती तूफान यास जिसकी उत्पत्ति बंगाल की खाड़ी में हुई थी। उसका नाम ओमान देश द्वारा रखा गया था।

अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर यह नाम क्यों रखे जाते हैं? और कैसे रखे जाते हैं? और भारत में उत्पत्ति हुई तूफानों के नाम अन्य देशों द्वारा क्यों रखा जाता है? तो आइए हम आपको स्पष्ट रूप से समझाते हैं।


कैसे रखा जाता है चक्रवाती तूफान का नाम?

साल 2000 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन के 13 देशों के सदस्यों ने मिलकर यह फैसला लिया था। चक्रवाती तूफानों के नाम तय करने की एक लंबी प्रक्रिया होती है। इसमें यह तय किया जाता है कि आने वाले चक्रवाती तूफानों के नाम कैसे रखना है।

इन 8 देशों के नाम है:- बांग्लादेश, म्यानमार, थाईलैंड, भारत, श्रीलंका, मालदीव, ओमान और पाकिस्तान। साल 2018 में पांच और देशों को शामिल किया गया इनके नाम है :-इरान, कतर, सऊदी अरब, यमन और यूएई

जिसके बाद कुल देश मिलाकर 13 हो गए। यह सभी 13 देश 13 – 13 नामो की सूची बनाते हैं उसके बाद क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्रो को भेज दिया जाता है। जैसे ही कोई चक्रवात जैसी स्थिति बनने लगती है उन नामों की सूची में से अल्फाबेटिकल ऑर्डर के हिसाब से देखा जाता है कि अब किस देश की बारी है।


तूफ़ान की गति को भी रखा जाता हैं ध्यान में 

मालूम हो कि जिस तूफान की गति कम से कम 63 किलोमीटर प्रति घंटा होता है, उसी का नामकरण होता है। इसके जिस तूफान की गति 118 किलोमीटर प्रतिघंटा से ऊपर होती है, उसे गंभीर श्रेणी में माना जाता है और जिसकी गति 221 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होती है, उसे सुपर चक्रवाती तूफान कहा जाता है।

मान लीजिए कि इस बार इंडिया यानी भारत की बारी है तो भारत देश द्वारा दिए गए नामों मैं से अगले चक्रवात का नाम  तूफान रखा जाएगा यह सूची सभी 13 देशों द्वारा पहले ही तैयार की जा चुकी होती है। साल 2004 से इस काम को क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्र करता आ रहा है।

इस साल आए तूफान बिपरजॉय (Biparjoy Cyclone) का नाम बांग्लादेश द्वारा रखा गया और तूफान बिपरजॉय (Biparjoy Cyclone) अरब सागर से उत्पन्न हुआ, उसका नाम बांग्लादेश द्वारा रखा गया, विश्व मौसम विज्ञान संगठन में कुल 13 देश है जिस वजह से सभी देशों द्वारा 13-13 नाम दिया जाता है।

कुल मिलाकर 169 नामों की सूची बन गई जो कि क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र को भेजी गई। और फिर उसी आधार पर आईएमडी ने इस साल 169 नामों की सूची जारी की सामने रखी जिसके हिसाब से तूफानों का नाम चयन किया गया है।





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