साहित्यिक पत्रिकाओं का उद्देश्य सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाए: डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी


 


- "संस्थान संगम मासिक पत्रिका" की काव्यगोष्ठी में कवियों को 'काव्य कुमुदिनी’ सम्मान


आगरा। केंद्रीय हिंदी संस्थान के कुलसचिव डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी ने देश में साहित्यिक पत्र पत्रिकाओं को हिंदी के प्रचार एवं प्रसार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इन पत्रिकाओं में ’सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ के अनुरूप चयनित उत्कृष्ट रचनाओं को स्थान मिलता है। 

डॉ. त्रिपाठी आज नागरी प्रचारिणी सभा में संस्थान संगम मासिक पत्रिका की काव्यगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में सौहार्द बनाए रखने में साहित्यकार ही अपनी रचनाओं से दिशा प्रदान करते हैं। 

     काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विख्यात कवि एवं गीतकार प्रो. सोम ठाकुर ने अपना गीत सुना कर राष्ट्र कल्याण की कामना की। परमानंद शर्मा की सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम शुभारंभ हुआ। श्री दुर्ग विजय सिंह दीप ने उपस्थित जनों का काव्य मय स्वागत किया।


         वरिष्ठ कवि एवं साहित्य सेवी श्री सुशील सरित, डॉ. मधु भारद्वाज एवं हरीश अग्रवाल ढपोरशंख की कविताओं को खूब सराहना मिली।  कवि प्रणव कुमार कुलश्रेष्ठ, संजय शर्मा, एवं चारू मित्रा को "काव्य कुमुदिनी" सम्मान प्रदान किया गया ।

    सर्वश्री हरिमोहन सिंह कोठिया, शीलेंद्र कुमार वशिष्ठ, डॉ. शैलबाला अग्रवाल, प्रकाश गुप्ता बेवाक, रामेंद्र कुमार शर्मा रवि, विजया तिवारी, नीता दानी, चारू मित्रा, विनय बंसल, डॉ. असीम आनंद, प्रेम सिंह राजावत, वंदना चौहान आदि ने काव्य पाठ किया। डॉ. मधु भारद्वाज ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं पत्रिका के सम्पादक अशोक अश्रु विद्यासागर ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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