कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने किया अतिथियों का स्वागत, माथे पर तिलक, पटका पहना किया स्वागत, स्वागत से भाव विभोर हुए विदेशी अतिथि
- 13 देशों से आए 31 मेहमान, भारतीय संस्कृति से की पहचान
- उच्च शिक्षा मंत्री के स्वागत से अभिभूत हुए विदेशी मेहमान
- भारतीय संस्कृति संबंध परिषद द्वारा आयोजित विश्व हिन्दी यात्रा के तहत आज आगरा पहुंचे 31 हिन्दी विद्यार्थी मेहमान
आगरा। रूस की माशा के गले में स्टोन के पेन्डेंट पर उकरा भारत का नक्शा और तन्जानिया के फधिली ऐली के स्वरों में गूंजता तेरी मिट्टी में मिल जांवा, गुल बन के मैं खिल जावां... गीत जो भारत के प्रति उनके लगाव को दर्शा रहा था। भारतीय संस्कृति संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा 20-29 मई तक आयोजित हिन्दी विश्व यात्रा कार्यक्रम के तहत आज 13 देशों (आस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, इटली, जापान, पोलेण्ड, मोरिशियस, कजाकिस्तान, कोरिया, तन्जानिया, फिजी, श्रीलंका, रशिया, तजाकिस्तान) के 31 हिन्दी के विद्यार्थी आगरा भ्रमण के लिए पहुंचे। फतेहाबाद रोड स्थित होटल अमर में उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने सभी विद्यार्थियों का स्वागत माथे पर तिलक व गले में माला और श्रीकृष्ण व राधा नाम का पटका पहनाकर किया।
सभी विद्यार्थियों का स्वागत करते विधायक योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आप सभी भारत से ऐसी यादें लेकर जाएंगे जो आपको पूरी जिन्दगी एक अच्छे अनुभव के रूप में याद रहेंगी। कुछ हम आपसे सीखेंगे कुछ आप हमें सिखा कर जाएंगे। कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ अतिथि देवो भव की परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। प्रातः सभी मेहमानों ने ताजमहल और आगरा किले का भ्रमण किया। होटल अमर में सहभोज में मीडिया से मुलाकात के दौरान जहां तंजानियां के फधिली ऐली ने मेहफिल में तेरी हम रहे न रहें..., रुक जाना नहीं तू कहीं हार के..., तेरी मिट्टी में मिल जांवा... के स्वर बिखेले तो हर कोई साथ में गुनगुनाते हे झूमने लगा। पोलेण्ड की मारिया ने ताजमहल भ्रमण के दौरान भारतीय सलवार कुर्ता खरीदा और से पहनकर ही वह कार्यक्रम में पहुंची। गले में भारत के नक्शे के पैंडेंट पहने रुस की माशा ने बताया कि यह पैंडेंट मुझे हमेशा इस खूबसूरत यात्रा के बारे में याद दिलाता रहेगा। कहा कि भारत हमारा सबसे अच्छा और सच्चा मित्र देश है। रशिया में बहुत भारतीय हैं। मैं हिन्दी सीख रही हूं जिससे मैं अपनी भरतीय दोस्तों से बातचीत कर सकूं। श्रीलंका की हिमाली संजीवनी की पसंदीदा हिरोइन बैजयन्ती माला हैं। उन्होंने उनकी मधुमती और संगम जैसी कई पुरानी फिल्में देखी हैं, जो हिन्दी सीखने में भी मदद करती हैं। सभी को भारतीय संस्कृति, कला, खाना और यहां के लोगों को अपनी पंसद बताया।
भारतीय संस्कृति संबंध परिषद (आईसीसीआर) के कार्यक्रम अधिकारी चित्याला महेश ने कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय के धन्यवाद को इस आदर सत्कार के लिए धन्यवाद दिया। सभी मेहमानों ने भी योगेन्द्र उपाध्याय का हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से वात्सल्य उपाध्याय, महानगर मीडिया प्रभारी सुनील करमचंदानी आदि मौजूद रहे।
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