विषैले कोबरा से लेकर विशालकाय अजगर तक: एक महीने में वाइल्डलाइफ एसओएस ने 120 से अधिक सरीसृपों को बचाया
आगरा। लगातार हो रहे शहरीकरण के कारण साँपों के आवास में दुर्भाग्यपूर्ण गिरावट आई है, जिसके कारण इंसानों और साँपों में अक्सर सामना हो रहा है। परिणामस्वरूप, वाइल्डलाइफ एसओएस ने अकेले सितंबर 2025 माह में ही 120 से ज़्यादा सरीसृपों को सफलतापूर्वक बचाया है– जो इस साल आगरा और उसके आस-पास के इलाकों से रेस्क्यू किए गए सरीसृपों की सबसे बड़ी संख्या है। बचाए गए सरीसृपों में 25 भारतीय रैट स्नेक, 24 कॉमन वुल्फ स्नेक, 21 स्पेक्टेक्ल्ड कोबरा, 18 भारतीय रॉक पाइथन, 12 कॉमन क्रेट और 12 बंगाल मॉनिटर लिज़र्ड सहित कई अन्य प्रजातियाँ शामिल हैं।
मनुष्यों और साँपों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के अपने निरंतर प्रयास में, वाइल्डलाइफ एसओएस अपनी वन्यजीव आपातकालीन हेल्पलाइन के माध्यम से आगरा और उसके आसपास सक्रिय रूप से बचाव अभियान चलाता है। वनों की कटाई, तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन जैसे बढ़ते खतरों के कारण, साँप और अन्य सरीसृप अपने प्राकृतिक आवास से बाहर निकलकर मानव-अधिकृत क्षेत्रों में प्रवेश करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। परिणामस्वरूप, घरों, बगीचों, स्कूलों और खेतों में साँपों और मॉनिटर लिज़र्ड जैसी प्रजातियों का सामना होना आम बात हो गई है।
वाइल्डलाइफ एसओएस की रैपिड रिस्पांस यूनिट ऐसी स्थितियों को सहजता से सुलझाने में अहम भूमिका निभाती है, जो सरीसृपों को सुरक्षित रूप से बचाने और उन्हें उपयुक्त जंगल में वापस छोड़ने के लिए कॉल का तुरंत जवाब देती है। वाइल्डलाइफ एसओएस नागरिकों से आग्रह करता है कि वे साँपों या अन्य जंगली जानवर के दिखने पर उन्हें नुकसान न पहुँचाएँ, बल्कि इसकी सूचना उनके आगरा के आपातकालीन बचाव हेल्पलाइन: +91 9917109666 पर रिपोर्ट करें।

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